इन बंधकों ने बताया कि कैसे उन्हें भूमिगत सुरंगों और इमारतों रखा गया था. उन पर हर वक़्त बंदूकों का साया रहता था.
नामा लेवी हमास की क़ैद से रिहा होने के बाद अपने परिवार से मिलती हुईं.हमास ने ग़ज़ा में क़ैद चार युवा महिलाओं को छोड़ा है. हमास की ओर से बंधक बना कर रखी गईं इन युवतियों के माता-पिता ने बताया है कि कैसे उनकी बेटियों के साथ बदसलूकी की गई. उन्हें भूखा रखा गया और धमकाया गया.
रिहा होने के बाद इनमें से किसी भी युवती ने मीडिया को इंटरव्यू नहीं दिया है. उनके माता-पिताओं को कहना है कि अभी भी उनके साथ हुए दुर्व्यवहार के ब्योरे आ ही रहे हैं. श्लोमी बर्जर ने कहा, '' कुछ जगहों पर खाना बहुत अच्छा था लेकिन कुछ जगहों पर काफी बेकार. सिर्फ किसी तरह खा कर जिंदा रहा जा सकता था.''गिल्बोआ ने बताया, '' जिन लोगों ने उन्हें बंधक बना कर रखा था उनके साथ वो एक जगह से दूसरी जगह पर भागती रहीं. वहां वो वॉर जोन में थीं. ऐसा करना बेहद ख़तरनाक था.''
जनवरी में युद्धविराम के पहले सप्ताह के दौरान 24 साल की रोमी को छोड़ा गया है. उनकी मां बताया कि रोमी का वजन 20 फ़ीसदी घट गया है. हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है इसराइली कार्रवाई में अब तक 48,230 लोगों की मौत हुई है. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि इस कार्रवाई में ग़ज़ा की दो तिहाई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं.
उनका कहना है कि बंधक बनाने वाले पुरुषों ने महिलाओं को काफी अपमानित किया. उन्हें साफ़-सफ़ाई करने और खाना बनाने के लिए मजबूर किया जाता था. इस बीच,लेशेम गोनेन का कहना है कि उन्हें अभी भी ये समझ नहीं आ रहा है कि उनकी बेटी रोमी के साथ क्या हुआ था.
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