जगत के पालनहार गोविंद का जन्म Janmashtami 2024 हुआ तो स्वर्ग में दुंदुभियां अपने आप बजने लगीं। नगाड़ों ने कहा हम आज भी पीटकर बजे तो धिक्कार है हम पर। वे भी अपने आप बजने लगे। नेदुर्दुन्द्भयो दिवि। सिद्ध और चारण स्तुति करने लगे। मुनि और देवता सब बृज की ओर दौड़ पड़े यह कहकर कि प्रकट हो जाइए प्रकट हो...
वैष्णवाचार्य जय जय श्री अभिषेक गोस्वामी । भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गाई गई दिव्य गीता, केवल एक ही पूजनीय भगवान हैं श्रीकृष्ण, केवल एक ही मंत्र है उनका पवित्र नाम तथा केवल एक ही कर्तव्य है- परम पूजनीय श्रीकृष्ण की भक्तिमय सेवा। कृष्ण लीला पुरुषोत्तम हैं। उनका प्रत्येक कार्य लीला ही है। लीलाओं में बड़े गहरे तत्व छिपे हैं। जैसे जन्म लीला ही का दर्शन करें तो सबसे पहले प्रश्न है कि भगवान ने जन्म के लिए रोहिणी नक्षत्र क्यों चुना। एकम् शास्त्रम् देवकी-पुत्र-गीतम् एको देवो देवकी-पुत्र एव। एको मंत्र तस्य...
वाले परमब्रह्म परमात्मा प्रकट हो गए। ब्रह्मा जी जिसके पुत्र हैं, ऐसा बालक पैदा हुआ। ऐसा मंगल पैदा हुआ। तमद्भुतं बालकमम्बुजेक्षणंचतुर्भुजं शंखगदार्युदायुधम्। चार हाथ - धर्म, अर्थ, काम मोक्ष। जैसे यह कहना चाहते हों कि मेरे प्यारे भक्तो, ये हमारे चार रूप हैं - वासुदेव, प्रद्युम्न, अनिरुद्ध और संकर्षण। यही इनकी चार भुजाएं हैं, इनके द्वारा भगवान सारा काम करते हैं। चार आयुध हैं- चक्र, शंख, गदा, कमल। शत्रु यदि दूर हो तो चक्र से मारें, पास हो तो गदा से और जब जीत हो जाए तो शंख बजाएं और अपना हृदय कमल...
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