ऐसी मान्यता है कि सावन में भगवान शिव माता पार्वती संग पृथ्वी लोक पर आते हैं। सावन के महीने में वातावरण शिवमय हो जाता है। इस दौरान मंदिरों में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। मान्यता है कि नागेश्वर मंदिर में धातु के नाग-नागिन चढ़ाने से नाग दोष से मुक्ति मिलती है। चलिए जानते हैं नागेश्वर मंदिर Nageshwar Jyotirlingaसे जुड़ी जानकारी के बारे...
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Nageshwar Jyotirlinga History: सनातन धर्म में सावन के महीने को बेहद खास माना जाता है। इस पूरे महीने में विधिपूर्वक से शिव परिवार की पूजा-अर्चना की जाती है और महादेव का अभिषेक किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सावन में जलाभिषेक करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से मनचाही मुराद पूरी होती है। इसके अलावा शिव मंदिरों को बेहद सुंदर तरीके से सजाया जाता है। साथ ही भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि देश में भगवान शिव को समर्पित एक ऐसा...
इसी जगह पर स्थित होने के लिए कहा। शिव जी ने इस बात को स्वीकार कर उसी स्थल पर विराजमान हो गए। इसी तरह यह ज्योतिर्लिंग स्वरूप भगवान शिव ‘नागेश्वर’ कहलाए। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग क्यों प्रसिद्ध है गुजरात के द्वारका धाम से 17 किलोमीटर बाहरी क्षेत्र की ओर यह मंदिर स्थित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नागेश्वर मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती नाग-नागिन के रूप में प्रकट हुए थे। इसलिए इसे नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग कौन से नंबर पर आता है? देशभर में शिव जी के...
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