Kanya Pujan kab hai 2024: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने का बड़ा महत्व है. कन्या पूजन के बिना नवरात्रि व्रत-पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है. ध्यान रहे कि कन्या पूजन में गलतियां नहीं करनी चाहिए.
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने का बड़ा महत्व है. कन्या पूजन के बिना नवरात्रि व्रत-पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है. ध्यान रहे कि कन्या पूजन में गलतियां नहीं करनी चाहिए. Mandira Bedi Birthday: टीवी शो से मिली पहचान, शाहरुख खान की फिल्म में निभा चुकी हैं वन-साइडेड लवर का किरदारaaj ka rashifal
नवरात्रि के 9 दिनों में मातारानी की पूजा-आराधना की जाती है, व्रत किए जाते हैं. लेकिन नवरात्रि की ये व्रत-पूजा तभी पूरी मानी जाती है जब आखिरी दिन हवन और कन्या-पूजन किया जाए. कन्या पूजन करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पूरे परिवार पर माता की कृपा बनी रहती है. कन्या पूजन अष्टमी और नवमी तिथि के दिन किया जाता है. जो लोग अष्टमी के दिन हवन करते हैं, वे अष्टमी को कन्या पूजन भी करते हैं. वहीं जो भक्त नवमी के दिन हवन करते हैं, वे नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं.
- नवरात्रि पर कन्याओं को जिस जगह बैठाकर भोजन करा रहे हैं, उस जगह की अच्छी तरह साफ-सफाई कर लें. गंदे या अपवित्र स्थान पर कन्याओं को ना बैठाएं. - कन्या पूजन का जरूरी अंग है कन्याओं के पैर धुलाना, पैर पोछना. उन्हें आसन पर बिठाना और फिर उनका तिलक लगाकर, चुनरी ओढ़ाकर पूजा करना. उन्हें भेंट में पैसे और श्रृंगार सामग्री देना.
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