Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में यदि श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण विधिवत किया जाए तो दिवंगत आत्माओं को शांति मिलती है और वे सुखी संतुष्ट होकर लौट जाते हैं. आज पितृ पक्ष का तीसरा दिन है इसलिए इसे तृतीया श्राद्ध और तीज श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है.
Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दौरान पितर स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आते हैं और अपने परिवार के पास जाते हैं. पितृ पक्ष में यदि श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण विधिवत किया जाए तो दिवंगत आत्माओं को शांति मिलती है और वे सुखी संतुष्ट होकर लौट जाते हैं. आज पितृ पक्ष का तीसरा दिन है इसलिए इसे तृतीया श्राद्ध और तीज श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है. तो आइए जानते हैं कि तृतीया श्राद्ध करने की विधि, मुहूर्त और महत्व क्या है.
पितरों को गंगाजल, जौ, तुलसी व शहद मिश्रित जल देने के बाद उनके नाम से दीपक जलाएं. तृतीया श्राद्ध पर गाय, कौवा, चींटी आदि के लिए भोजन का एक अंश निकालने के बाद तीन ब्राह्मणों को भी भोजन कराएं. इन जीवों को भोजन देते समय अपने पितरों का स्मरण करें, और मन में ही उनसे भोजन ग्रहण करने के लिए प्रार्थना करें. श्राद्ध कर्म संपन्न करने के बाद ब्राह्मण को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दक्षिणा दें. यदि इस दिन आप किसी गरीब की भी सहायता कर सकें, तो इससे आपके पितरों को विशेष प्रसन्नता होगी.
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