पुरानी झूंसी में शेख तकी की मजार के पास दक्षिण अफ्रीका के सवाना से आया कल्पवृक्ष (बाओबाब) गंगा की उर्वराशक्ति का जिंदा सुबूत है। लोग इसे बूढ़ा बाबा के नाम से पुकारते हैं। उम्र
पुरानी झूंसी में शेख तकी की मजार के पास दक्षिण अफ्रीका के सवाना से आया कल्पवृक्ष गंगा की उर्वराशक्ति का जिंदा सुबूत है। लोग इसे बूढ़ा बाबा के नाम से पुकारते हैं। उम्र 800 साल से ज्यादा है। आस्था का प्रतीक है। विज्ञानी भी कहते हैं कि इससे गंगा का महात्म्य समझिए। प्रयागराज स्थित भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण में कार्यरत रहीं वैज्ञानिक डॉ. आरती गर्ग बताती हैं कि रोमानिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रो.
एचपी पांडेय का कहना है कि गंगा की उपजाऊ भूमि का इस कल्पवृक्ष को जीवित रखने में बड़ा योगदान है। क्योंकि एडनसोनिया डिजिटाटा प्रजाति का यह वृक्ष दक्षिण अफ्रीका के सवाना क्षेत्र में पाया जाता है। वहां की जलवायु यहां से अलग है। लेकिन, गंगाजल में जो तत्व पाए जाते हैं, वह इसके लिए लाभकारी सिद्ध हुए। गर्मी के दिनों में जब रेत पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं, उस वक्त इस वृक्ष को सवाना जैसा वातावरण मिलता है। इसकी उम्र बढ़ाने में यह महत्वपूर्ण कारक है। डॉ.
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