ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस के बाद ये सवाल और गंभीर हो गया है कि क्या अमेरिका के बिना यूरोप रूस को यूक्रेन में रोक सकता है?
ऐसा ज़ाहिर होता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ब्रिटेन की सेना पर ज़्यादा ही भरोसा है. शायद इतना भरोसा तो शायद ब्रिटेन की सेना के अधिकारियों या पूर्व सैन्य अधिकारियों को भी नहीं है.
उनका सुझाव है कि ये अपने आप में रूस को दोबारा हमला करने से रोकने वाला कदम होगा. लेकिन उनके अपने प्रशासन का मानना है कि वहां कोई मज़बूत शक्ति होनी चाहिए जो दूसरे मुहैया करवाएं. पश्चिमी देशों के अधिकारी 30 हज़ार सैनिक भेजने पर विचार कर रहे हैं. यूरोप के जेट और युद्धपोत यूक्रेन के एयर स्पेस और समुद्री रास्तों की निगरानी करेंगे.
यूरोप के देशों के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वो अपने दम पर कोई बड़ा सैन्य अभियान चला पाएं. यूरोप के देशों के हथियारों की आपूर्ति भी अमेरिका पर निर्भर करती है.
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