सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बड़ा बदलाव किया है। भारतीय संविधान लागू होने के 75वें वर्ष में न्याय की प्रतीक देवी की आंखों पर बंधी पट्टी हट गई है। हाथ में तलवार की
जगह भी अब संविधान ने ले ली है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय के इस कदम पर अब राजनीति शुरू हो गई है। शिवसेना-उद्धव बालासाहेब के नेता संजय राउत ने कोर्ट के इस फैसले की आलोचना की है और भाजपा-संघ पर निशाना साधा है। क्या बोले संजय राउत? शिवसेना के यूबीटी के सांसद संजय राउत ने न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, "न्यायालय का काम संविधान की रक्षा करना और संविधान के तहत ही न्याय करना है। लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट में क्या हो रहा है? आखिर वे न्याय की देवी के हाथों से...
सभी को एकसमान रूप से देखता है। इसलिए न्याय की देवी का स्वरूप भी बदला जाना चाहिए। हाथ में संविधान संदेश देता है कि न्याय संविधान के अनुसार किया जाता है। दूसरे हाथ में तराजू, प्रतीक है कि कानून की नजर में सभी समान हैं। भारत-कनाडा विवाद पर प्रियंका चतुर्वेदी ने रखी राय दूसरी तरफ शिवसेना-यूबीटी की ही सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को भारत और कनाडा के बीच जारी विवाद पर अपनी राय रखी। उन्होंने ट्रूडो सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तक जो भी हो रहा है, उससे साफ है कि कनाडा के प्रधानमंत्री...
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