ऐसा मान जाता है कि नवरात्र Shardiya Navratri 2024 के प्रत्येक दिन नवदुर्गा की पूजा-अर्चना से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं। ऐसे में नवरात्र के तीसरे दिन यानी 05 अक्टूबर को देवी चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाएगी। आप पूजा के दौरान ये कार्य जरूर करें ताकि देवी चंद्रघंटा के साथ-साथ माता दुर्गा की भी कृपा आपके ऊपर बनी...
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवी चंद्रघंटा भी मां दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं, जिसकी पूजा-अर्चना से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में आप नवरात्र के तीसरे दिन की पूजा में माता चंद्रघंटा के मंत्रों का जाप कर विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसी के साथ नवरात्र के प्रत्येक दिन दुर्गा चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। तो चलिए पढ़ते हैं मां चंद्रघंटा के मंत्र और दुर्गा चालीसा। मां चंद्रघंटा के मंत्र या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।...
भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी ।। कर मे खप्पर खड्ग विराजै । जाको देख काल डर भाजै ।। सोहे अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला ।। नगर कोटि मे तुमही विराजत। तिहुं लोक में डंका बाजत ।। शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे ।। महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अधिभार मही अकुलानी ।। रूप कराल काली को धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा।। परी गाढ़ संतन पर जब-जब। भई सहाय मात तुम तब-तब ।। अमरपुरी औरों सब लोका। जब महिमा सब रहे अशोका ।। ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हे सदा पूजें नर नारी ।।...
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