Supreme Court: क्या निजी संपत्तियों को समुदाय का भौतिक संसाधन माना जा सकता है? कोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया

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Supreme Court: क्या निजी संपत्तियों को समुदाय का भौतिक संसाधन माना जा सकता है? कोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया
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Supreme Court: क्या निजी संपत्तियों को समुदाय का भौतिक संसाधन माना जा सकता है? कोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया

क्या निजी संपत्तियों को संविधान के अनुच्छेद 39 के तहत समुदाय का भौतिक संसाधन माना जा सकता है और इस कारण राज्य के अधिकारी इसे 'सार्वजनिक हित' के लिए अपने कब्जे में ले सकते हैं? उच्चतम न्यायालय की नौ न्यायाधीशों की पीठ ने इस जटिल कानूनी सवाल पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मसले पर प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ विचार कर रही है। पीठ 16 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसमें मुंबई स्थित प्रॉपर्टी ओनर्स एसोसिएशन द्वारा 1992 में दायर मुख्य...

की रक्षा के इरादे से डाला गया था। नौ सदस्यीय पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति बी नागरत्ना, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति आगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल हैं। पीओए और अन्य ने अधिनियम के अध्याय VIII-A को चुनौती दी है, जिसमें दावा किया गया है कि अध्याय के प्रावधान जमीन मालिकों भेदभाव करते हैं और उन्हें बेदखल करने का प्रयास करते हैं। पीओए द्वारा 1992...

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