सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को एक व्यक्ति की जमीन पर छह दशक पहले अवैध कब्जा किए जाने के मामले में फटकार लगाई है।
जस्टिस बीआर गवई , प्रशांत मिश्रा और केवी विश्वनाथन की पीठ ने महाराष्ट्र के वन और राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे पूछा कि विभाग की तरफ से दायर हलफनामे में की गई अवमाननापूर्ण टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए। इस मामले में पीठ ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजेश कुमार को 9 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। 'राज्य टालमटोल की रणनीति अपना रहा है' वहीं पीठ ने कहा, जब राज्य ने...
की उम्मीद करते हैं। पीठ ने यह बात वकील की तरफ से हलफनामा वापस लेने और नया हलफनामा दाखिल करने की मांग करने पर कही गई। कोर्ट ने राज्य सरकार को दी कड़ी चेतावनी पीठ ने चेतावनी दी कि यदि महाराष्ट्र सरकार आवेदक को देय मुआवजे की पुनर्गणना नहीं करती है तो वह राज्य में हाल ही में शुरू की गई लाडली बहन योजना को रोक देगी। पीठ ने कहा, कानून का पालन करना और मुआवजे के भुगतान के उचित निष्कर्ष पर पहुंचना राज्य सरकार का परम कर्तव्य है। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि अधिकारी मनमौजी विचार का पालन नहीं कर सकते और कानून...
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