Success Story: चंद्रशेखर घोष बंधन बैंक के फाउंडर हैं. घोष की सफलता की कहानी बहुत दिलचस्प है और प्रेरक है.
नई दिल्ली. मंजिल उन्हीं को मिलती है, जो रास्ते की मुश्किलों की परवाह किए बिना चलते रहते हैं. ऐसी ही कहानी बंधन बैंक की नींव रखने वाले चंद्रशेखर घोष की है. गरीबी में बचपन बीताने वाले घोष की सफलता की कहानी लोगों के लिए प्रेरणादायक है. 8 अप्रैल तक कोलकाता मुख्यालय वाले बंधन बैंक की मार्केट कैपिटल 29,787 करोड़ रुपये है. हाल ही में घोष ने बैंक के सीईओ पद से इस्तीफा दिया है. आश्रम में रहते हुए बच्चों को पढ़ाकर किया गुजारा साल 1960 में अगरतला के एक गरीब परिवार में घोष का जन्म हुआ था.
1985 में BRAC में मिली नौकरी 1985 में चंद्र शेखर के जीवन में भारी बदलाव आया जब उन्हें बांग्लादेशी इंटरनेशनल डेवलपमेंट नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन में नियुक्त किया गया. यहां उन्होंने देखा कि कैसे छोटी-सी आर्थिक सहायता भी ग्रामीण महिलाओं के जीवन पर कितना गहरा प्रभाव डाल सकती है. इसके बाद घोष ने इस मॉडल को भारत में अपनाने का फैसला लिया.
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