Sawan Sankashti chaturthi vrat : आज संकष्टी चतुर्थी व्रत है। सावन मास में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को गजानन चतुर्थी कहते हैं। साथ ही इसका महत्व भी कई गुना बढ़ जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं सावन संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व और सरल पूजा...
आज सावन मास का संकष्टी चतुर्थी व्रत है। सावन मास में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को गजानन चतुर्थी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस व्रत को करता है उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत में भगवान गणेश और चंद्रमा के पूजन का विशेष महत्व है। साथ ही सावन में संकष्टी चतुर्थी होने से इसका महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं सावन के संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा विधि और महत्व। सावन संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि1) इस दिन सुबह जल्दी उठें और...
ओम गं गणपतये नम: मंत्र का जप करें। कम से कम 108 इस मंत्र का जप करें। 4) इसके बाद भगवान गणेश की चालीसा करें और स्तोत्र का पाठ करें अंत में आरती करें। इसके बाद भगवान गणेश की परिक्रमा करें। पूजा के बाद जरुरमंद लोगों को दान आदि करें। 5) इस दिन अन्न ग्रहण न करें आप चाहें तो फलाहार ले सकते हैं। गणेश चतुर्थी व्रत का महत्वगणेश चतुर्थी का व्रत करने से व्यक्ति को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं परिवार की सुख समृद्धि के लिए करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुख...
संकष्टी चतुर्थी 2024 संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि संकष्टी चतुर्थी महत्व Sawan Sankashti Chaturthi 2024 Sawan Sankashti Chaturthi Puja Vidhi Sankashti Chaturthi 2024 Vikat Sankashti Chaturthi Sankashti Chaturthi सावन
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी आज, जानें मुहूर्त, पूजन विधि और उपायKrishnapingala Sankashti Chaturthi 2024: भगवान गणेश सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय हैं. सनातन धर्म में भगवान गणेश को मंगलकारी और विघ्नहर्ता कहा गया है. हिन्दू पंचांग में प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है. 25 जून यानी आज कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है.
और पढो »
Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: गजानन संकष्टी चतुर्थी आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधिGajanana Sankashti Chaturthi 2024: यह त्योहार हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. यह पर्व भगवान गणेश की पूजा होती है. संकष्टी तिथि को गणेश जी की आराधना करने के लिए सर्वश्रेष्ठ अवसर माना जाता है.
और पढो »
Vinayaka Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर इस विधि से करें पूजा, नोट करें शुभ मुहूर्तआषाढ़ मास के विनायक चतुर्थी का व्रत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है। वहीं इस तिथि पर चंद्रमा को देखना वर्जित माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इससे व्यक्ति को कलंक का सामना करना पड़ता है। हिंदू पंचांग के आधार पर विनायक चतुर्थी का व्रत 9 जुलाई को रखा...
और पढो »
Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: गजानन संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे पाएं विघ्न से मुक्ति, पूजा होगी सफलहर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर व्रत किया जाता है। धार्मिक मत है कि इस दिन गणपति बप्पा की विशेष पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। अगर आप भी भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो गणपति बप्पा की उपासना करें। साथ ही गणेश चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से जातक का जीवन सदैव खुशहाल रहेगा। आइए पढ़ते हैं गणेश...
और पढो »
Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पर जरूर करें यह आरती, धन में होगी वृद्धिकृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024 के दिन सुबह स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद देशी घी का दीपक जलाकर गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान प्रभु की आरती जरूर करनी चाहिए। मान्यता है कि आरती न करने से पूजा अधूरी रहती है। आइए पढ़ते हैं भगवान गणेश की...
और पढो »
Mangla Gauri Vrat 2024: आज रखा जाएगा सावन का पहला मंगला गौरी व्रत, नोट करें पूजा विधि और शुभ योगहिंदू धर्म में मंगला गौरी व्रत बहुत शुभ माना जाता है। यह सावन के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाता है। इस दिन देवी पार्वती की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि यह व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही विवाह से जुड़ी सभी मुश्किलों से छुटकारा मिलता है तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं...
और पढो »