ओलंपिक मेडल जीतना हर किसी का सपना होता है। भारतीय निशानेबाज सरबजोत सिंह ने अपना ये सपना पूरा कर लिया है। उन्होंने पेरिस ओलंपिक-2024 में मिक्स्ड टीम इवेंट में मेडल अपने नाम किया। लेकिन जिस खेल में सरबजोत ने मेडल जीता वो उनका पहला प्यार नहीं था। सरबजोत का पहला प्यार फुटबॉल था। फिर कैसे सरबजोत ने निशानेबाजी का रुख किया जानें पूरी...
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। हर खिलाड़ी का सपना अपने करियर में ओंलिपक मेडल जीतना है। कई खिलाड़ी इसमें सफल होते हैं तो कई खिलाड़ियों को निराश हाथ लगती है। भारत के निशानेबाज सरबजोत सिंह उन खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया। सरबजोत ने मंगलवार को मनु भाकर के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया। सरबजोत सिंह उन निशानेबाजों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने भारत को ओलंपिक पदक दिलाया। लेकिन निशानेबाजी सरबजोत का पहला प्यार नहीं था। उनका पहला...
बारे में सोचने लगे। साल 2014 में वह अपने पिता के पास गए और कहा कि वह निशानेबाजी करना चाहते हैं। सरबजोत हरियाणा के अंबाला के रहने वाले हैं और उनके पिता जितेंद्र किसान हैं। उन्होंने अपने बेटे से कहा कि निशानेबाजी काफी महंगा खेल है, लेकिन सरबजोत ने बंदूक थामने की जिद नहीं छोड़ी और महीनों तक अपने पिता से इस बात की जिद करते रहे। उनके पिता मान गए। सरबजोत ने फिर 2019 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपने पिता का सीना गर्व से चौंड़ा कर दिया। ऐसा रहा है करियर सरबजोत सिंह ने एशियन...
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