Tesla कारों की भारत में बिक्री पर आगे बढ़ी बात, जानिए क्या चाहती है भारत सरकार Tesla
सरकार चाहती है कि देश में इम्पोर्ट टैक्स में छूट पाने के योग्य होने के लिए टेस्ला 500 मिलियन डॉलर मूल्य के लोकल ऑटो कॉम्पोनेंट्स खरीद ले।अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को भारत में बेचने के लिए टेस्ला बेताब है। कंपनी लगभग एक साल से नई दिल्ली में अधिकारियों के आगे पैरवी कर रही है।कंपनी इसके लिए अधिकारियों से लगातार बातचीत भी कर रही हैभारत में टेस्ला कारों की बिक्री कब से शुरू होगी। यह सवाल काफी वक्त से बना हुआ है। बीते दिनों रिपोर्ट आई थी कि संभावित टैक्स बेनिफिट को लेकर टेस्ला और भारत के...
अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को भारत में बेचने के लिए टेस्ला बेताब है। कंपनी लगभग एक साल से नई दिल्ली में अधिकारियों के आगे पैरवी कर रही है। वह चाहती है कि गाड़ियों पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी को कम किया जाए, जिसे कंपनी के अरबपति CEO एलन मस्क दुनिया में सबसे ज्यादा बता चुके हैं। टेस्ला की योजना है कि वह पहले पूरी तरह से निर्मित यूनिट मॉडल को इम्पोर्ट करेगी। लेकिन इसमें लगने वाले उंचे टैक्स की वजह से CBU टेस्ला कारों की कीमत काफी अधिक होगी। टेस्ला टैक्स में कटौती की मांग सरकार से कर रही है, जबकि भारत सरकार टैक्स कम करने की इच्छुक नहीं है। सरकार चाहती है कि टेस्ला देश में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाए। वह भारत में ही इलेक्ट्रिक कारों का प्रोडक्शन करे। लेकिन टेस्ला पहले अपने कारों की डिमांड देखना चाहती है। वह देखना चाहती है कि भारत में उसकी कारों को कैसा...
यही वजह है कि टेस्ला और भारत सरकार के बीच एक गतिरोध बना हुआ है। टेस्ला के CEO एलन मस्क तो भारत में टैक्स की ऊंची दर पर नाराजगी जता चुके हैं। अब यह नया डेवलपमेंट हुआ है, जिसके मुताबिक टेस्ला को इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती का योग्य होने के लिए भारत में ऑटो कॉम्पोनेंट्स का सोर्स बनना होगा।
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