Chitkul Village Story: इंडो चाईना बॉर्डर पर बसे इस गांव के लिए दिल्ली से शिमला, रामपुर और किन्नौर के लिए नेशनल हाईवे है. इसी मार्ग से किन्नौर के टापरी से सांगला वैली के लिए रास्ता कटता है और फिर सांगला से 20 किमी दूर छितकुल गांव हैं. यहां पहुंचना आसान बात नहीं है. क्योंकि खतनाक पहाड़ों को काटकर यहां सड़क बनाई गई है.
शिमला. छोटा सा गांव, सुंदर वादियां. सड़क के साथ नदी बह रही है. टूरिस्ट का भी आना जाना लगा हुआ है. गांव से कुछ मीलों दूर इंडो चाइना बॉर्डर है. इसके चलते यहा पर भारतीय सेना की भी तैनाती की गई है और चेक पोस्ट है. कहानी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की सांगला वैली के छितकुल गांव की है. दरसअल, 11000 फीट की ऊंचाई पर बसा यह छोटा सा गांव है. यहां पर अब भी पहाड़ी पर सामने बर्फ से मौजूद है. मैदानी इलाकों में जहां गर्मी पड़ रही है. वहीं यहां पर अब भी ठंड है और गर्म कपड़े अब तक लोगों के तन से नहीं उतरे हैं.
आग जलाने के लिए लकड़ियां भी संभाल कर रखनी पड़ती है. क्योंकि सर्दी से बचने के लिए आग का ही सहारा होता है. राजकुमारी कहती हैं कि यहां गर्मी नहीं पड़ती है. गांव में 1 हजार से अधिक लोग रहते हैं. सभी-पढ़े लिखे हैं. उन्होंने बताया कि हमारे बच्चे चंडीगढ़-दिल्ली-शिमला में यूनिवर्सिटी की पढ़ाई करने के लिए जाते हैं. गांव में 12वीं तक का स्कूल है. लोगों के लिए रोजगार का मुख्य साधन खेतीबाड़ी है. यहां लोग मटर और आलू की खेती करते हैं और इससे लोगों का अच्छा गुजारा हो जाता है.
Kinnaur Tourism Chitkul Village Indo China Border Himachal Pradesh Himachal Tourism Himachal Pradesh News Tourist Season Indian Army Village Life Chitkul AQI Clean Air Air Pollutions Tourism: भारत में सबसे साफ हवा 11000 फीट पर बसा गांव ईंडो-चाईना बॉर्डर के करीब टूरिस्ट के लिए जन्नत
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