सर्दियां शुरू होते ही प्रदूषण दिल्ली-एनसीआर के लोगों को अधिक सताने लगा है। इसके लिए पराली जलाने को बड़ा कारण माना जाता है। पराली से कम प्रदूषण हो, इसके लिए हरियाणा और पंजाब दोनों
ही राज्य प्रयास कर रहे हैं। प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में दोनों ही राज्यों ने इस कोशिश को प्रदर्शित किया है। इसी के तहत पराली से पैलेट्स बनाने की योजना है। इसमें दावा किया जा रहा है कि पराली जलने की घटनाएं लगातार कम हो रही हैं। उम्मीद है कि एक समय के बाद या पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। पंजाब पवेलियन में आए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अक्षत का कहना है कि पराली को जलने से रोकने के लिए परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें से एक है पराली से पैलेट्स बनाना। इनका इस्तेमाल...
पराली जलाने को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने 2018-19 से 2024-25 तक किसानों को कुल 100,882 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें 50 से 80 फीसदी सब्सिडी दी। पिछले वर्ष के धान के ठूंठ जलने की घटनाओं के आधार पर गांवों का रेड जोन में वर्गीकृत किया गया है। जीरो बर्निंग लक्ष्य हासिल करने पर रेड जोन पंचायतों को एक लाख रुपये और येलो जोन पंचायतों को 50 हजार रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। धान फसल के अवशेषों के प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ एक हजार का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मेरा पानी मेरी विरासत योजना के अंतर्गत धान...
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