चंद्रमा से जुड़ा एक नया शोध हुआ है। चंद्रयान-3 के डेटा के जरिए यह खोज सामने आई है। चंद्रयान-3 के डेटा से पता चला है कि चंद्रमा की सतह और इसके नीचे तापमान में एक बड़ा अंतर है। रिपोर्ट के मुताबिक सतह से 10 सेमी नीचे ही 60 डिग्री सेल्सियस का अंतर है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अंतर भविष्य में इंसानी मिशन के लिए काम आ सकते हैं। क्योंकि इससे अंतरिक्ष...
Aug 30, 2024साल भर पहले भारत के चंद्रयान मिशन को कामयाबी मिली थी। अब चंद्रयान-3 लैंडर के ChaSTE पेलोड के डेटा से अब एक बड़ी जानकारी सामने आई है। इससे चंद्रमा से जुड़ी नए रहस्यों का पता चला है।अध्ययन के मुताबिक चंद्रमा की सतह और उसके 10 सेमी नीचे लगभग 60 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान का अंतर है। इसरो के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि चंद्रमा की सतह में तापमान का यह अंतर भविष्य में बस्तियां बसाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हैं कि क्या चंद्रमा गहरे अंतरिक्ष से...
तापमान मापने के लिए उपकरण में 10 सेंसर लगे थे। प्रत्येक के बीच 1 सेमी की दूरी थी। चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। चंद्रयान-3 मिशन को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि सभी प्रयोग लगभग उसी अवधि में पूरे हो जाएं। वैज्ञानिकों ने कहा कि प्रयोग से पता चला कि चंद्रमा की सतह पूरी तरह से निष्क्रिय है। वैज्ञानिक ने कहा कि अगर यह निष्क्रिय है तो हम इसे मानव आवास के लिए थर्मल कंबल के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। ठीक उसी तरह जैसे ठंड की रातों में कंबल स्तेमाल किया जाता है। पिछले साल 23...
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