राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यूपी सरकार के अपर महाधिवक्ता प्रवीण कुमार गिरि उर्फ पीके गिरि को इलाहाबाद हाई कोर्ट का नया जस्टिस नियुक्त किया है।
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक नया जस्टिस नियुक्त हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में यूपी सरकार के अपर महाधिवक्ता प्रवीण कुमार गिरि उर्फ पीके गिरि को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है। प्रवीण कुमार गिरि अब एशिया के सबसे बड़े इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस के रूप में कार्य करेंगे। इस नियुक्ति को लेकर केंद्रीय विधि एवं कानून मंत्रालय के संयुक्त सचिव जगन्नाथ श्रीनिवासन ने गुरुवार को अधिसूचना जारी की है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 26 दिसंबर 2024 को
पीके गिरि को इलाहाबाद हाई कोर्ट का जस्टिस बनाए जाने की संस्तुति की थी। 80वें जस्टिस बने पीके गिरि इलाहाबाद हाई कोर्ट के 80वें जस्टिस हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में 160 जस्टिस के पद स्वीकृत हैं। अब चीफ जस्टिस समेत हाई कोर्ट में 80 न्यायाधीश होंगे। पीके गिरि को इससे पहले यूपी सरकार ने अपर महाधिवक्ता बनाया था। वे सबसे कम उम्र के अपर महाधिवक्ता बन खूब सुर्खियां बटोरी थी। आजमगढ़ के हैं निवासी पीके गिरि आजमगढ़ के अहरौला थाने के विशुनपुरा बुआपुर गांव के रहने वाले हैं। भारतीय सेना में वारंट अफसर रहे कोमल प्रसाद गिरि में उनका 20 जनवरी 1975 को जन्म हुआ था। प्रवीण कुमार गिरि की प्रारंभिक शिक्षा गांव के जनता इंटर कॉलेज में हुई थी। इसके बाद उन्होंने बीए, एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से की। आनंद देव गिरि के सानिध्य में किया काम पीके गिरि ने सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया रहे सीनियर वकील आनंद देव गिरि के सानिध्य में काम किया। साथ ही, आनंद देव गिरि के पुत्र शशांक देव गिरि का भी उन्हें संरक्षण मिला। उन्होंने हाई कोर्ट में 2002 में वकालत शुरू की। वे मुख्य रूप से फौजदारी वकालत करते रहे। यूपी सरकार ने उन्हें वर्ष 2017 में अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता बनाया। बाद में अपर अधिवक्ता के रूप में वे नियुक्त किए गए। प्रयागराज के ट्रांसपोर्ट नगर में रहने वाले प्रवीण कुमार गिरि सबसे कम उम्र के अपर महाधिवक्ता बने थे
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