Mustard Farming Tips : डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि पूसा सरसों-32 के पौधे के तने की लंबाई करीब 73 सेंटीमीटर तक रहती है. फली का घनत्व काफी अच्छा होता है. यह किस्म 132 से 145 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है.
शाहजहांपुर: धान की फसल की कटाई के बाद अब किसानों के खेत खाली हो रहे हैं. किसान अब रबी की फसलों की बुवाई करने की तैयारी कर रहे हैं. अक्टूबर के महीने में कई ऐसी फसल लगाई जाती हैं, किससे किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. किसान अक्टूबर के महीने में सरसों की भी फसल लगा सकते हैं. ठंड के मौसम में सरसों की खेती करना सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए 15 से 25 सेल्सियस के तापमान की आवश्यकता होती है.
जिससे किसानों को अच्छी आमदनी मिलती है, लेकिन सरसों की फसल की बुवाई करते वक्त उन्नत किस्म का चयन करना बेहद जरूरी है, जो रोग रोधी होती हैं. 15 अक्टूबर तक करें बुवाई डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि सरसों की किस्म पूसा-32 भारतीय कृषि अनुसंधान नई दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है. इस किस्म की बुवाई 15 अक्टूबर तक की जा सकती है. राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में भी इसको उगाया जा सकता है.
सरसों की सबसे ज्यादा उत्पादन देने वाली किस्म कब करें सरसों की खेती सरसों की टॉप 5 किस्में शाहजहांपुर समाचार How To Cultivate Mustard Highest Producing Variety Of Mustard When To Cultivate Mustard Top 5 Varieties Of Mustard Shahjahanpur News
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