उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में सूरज टाकीज चौराहा धार्मिक एकता का एक अद्भुत उदाहरण है, जहां मुस्लिम और सिख समुदाय हिंदुओं के त्योहारों में शामिल होकर खुशी मनाते हैं.
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में एक ऐसा चौराहा है जहां मुस्लिम और सिख मिलकर हिंदुओं के सभी धार्मिक त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं. इस चौराहे की कमेटी अंजुमन 786 लंगड़े आम नाम से समिति के बनाई गई है. इस चौराहे की कमेटी सिख , मुस्लिम और हिंदुओं के धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है. साथ ही अपने निजी पैसे से लंगर ,प्याऊ आदि की व्यवस्था भी करती है.
समाज को अलग संदेश देती है कमेटी अंजुमन 786 लंगड़े आम समिति के सदस्य अमित रावत ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि सुलतानपुर का सूरज टाकीज चौराहा, धार्मिक एकता के मिलन का चौराहा माना जाता है. इस चौराहे के आस-पास रहने वाली आबादी में लगभग एक तिहाई आबादी मुस्लिमों की है. इस चौराहे पर रहने वाले लोग हिंदुओं और सिखों के किसी भी धार्मिक त्योहार अथवा कार्यक्रम को काफी अच्छे तरीके से मनाते हैं और जुलूस आदि कार्यक्रम को काफी सपोर्ट भी करते हैं. लंगर के साथ होता है भंडारा स्थानीय निवासी और निवर्तमान सभासद राजदेव शुक्ला ने बताया कि सूरज टाकीज चौराहे पर रहने वाली मुसलमानों की आबादी हिंदू, सिख, मुस्लिम और धार्मिक एकता का एक अलग संदेश दे रही है. सिखों और हिंदुओं के कार्यक्रम के साथ-साथ मुसलमानों के भी कार्यक्रम में यह लोग लंगर और भव्य भंडारे का आयोजन करते हैं. हाल ही में गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर अंजुमन 786 लंगड़े आम समिति द्वारा लंगर का आयोजन किया गया था. इसके पहले नवरात्रि और दुर्गा पूजा महोत्सव में भी इस कमेटी ने भव्य भंडारे का आयोजन किया था. एकता के नाम से जाना जाता है चौराहा सूरज टॉकीज चौराहे के पास के रहने वाले कामरान ने बताया कि यह चौराहा एकता चौराहे के नाम से जाना जाता है. क्योंकि यहां पर किसी भी प्रकार के कोई वैमनस्यता अथवा मनमुटाव जैसी स्थिति कभी नहीं रही है. यहां कोई भी कार्यक्रम होता है, तो सभी धर्म के लोग धूमधाम से कार्यक्रम को मनाते हैं
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