देवशयनी एकादशी को बहुत कल्याणकारी माना गया है। इस तिथि पर श्री हरि की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन भगवान विष्णु के साथ उनके शालिग्राम स्वरूप की पूजा करते हैं उनके घर कभी धन का अभाव नहीं रहता है। इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल यह एकादशी 17 जुलाई को मनाई...
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवशयनी एकादशी को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को मनाई जाएगी। मान्यताओं के अनुसार, यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है, जो लोग इस शुभ अवसर श्री हरि की पूजा करते हैं, उन्हें सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही घर की दरिद्रता का नाश होता है। ऐसे में जब देवशयनी एकादशी करीब है, तो आइए इस दिन होने वाली शालिग्राम की पूजा विधि जान लेते हैं। ऐसे करें...
समापन करें। व्रती पारण समय के अनुसार, व्रत का पारण करें। पूजा में हुई गलतियों के क्षमायाचना करें। इसके अलावा तामसिक चीजों से परहेज करें। पूजन सामग्री वेदी, शालिग्राम जी, गंगाजल, पंचामृत, शहद , पीले फूल और माला, तुलसी के पत्ते, ऋतु फल, धूप, दीप, कपूर, नैवेद्य, आसन, शुद्ध जल आदि। पूजन मंत्र ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।। यह भी पढ़ें: Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी...
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