Tonk Shyam Deora Temple Mystery: भूत-प्रेत योनियों से मुक्ति के लिए तर्पण करवाने का सनातन धर्म का अहम विधान है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में एक ऐसा रहस्यमय मंदिर भी है, जिसे भूतों की मुक्ति के लिए भूतों से बनवाया गया था.
Shyam Deora Temple Mystery : भूतों की मुक्ति के लिए भूतों से ही बनवाया मंदिर? टोडारायसिंह नगर में कहां से आया ‘श्याम देवरा’?
कहते हैं रेगिस्तान के कण-कण में धरती, इंसान और दोनों के साझे इतिहास की गाथाएं समाहित हैं. ऐसा ही एक रेगिस्तान हमारे देश के पश्चिमी हिस्से में फैला है. ये दुनिया का 18वां बड़ा रेगिस्तान है, जिसे थार का रेगिस्तान कहा जाता है. इस रेगिस्तान का 85 फीसदी हिस्सा भारत में, जबकि 15 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान में है. आज की स्पेशल रिपोर्ट इसी थार रेगिस्तान की एक ऐसी रहस्यगाथा पर आधारित है.
श्याम देवरा मंदिर को लेकर भूतों से जुड़ी जो भी किवदंतियां है, उसकी गवाही आज भी खुद इसका ढंचा देता है. ना तो इस मंदिर का शिखर है और ना ही कोई गुंबद, जबकि इसके पूरे दर ओ दीवार पर गजब की शिल्पकारी है. मंदिर के ऐसे ही स्वरूप को लेकर ये धारणा बलवती होती गई, कि एक रात में निर्माण होने की वजह से मंदिर पूरा नहीं बन पाया. क्योंकि इसे बनाने वाले सुबह होते ही भूत योनी से मुक्त हो गए. लेकिन इस मंदिर का जो इतिहास मध्य युग और मुगल काल से जुड़ा है, वो एक और दिलचस्प गाधा समेटे हुए है.
ऐतिहासिक दस्तावेजों में 16वीं शताब्दी में इस मंदिर को तोड़े जाने का जिक्र मिलता है. आज भी इसके पत्थर और मुख्य भवन के टुकड़े बिखरे मिलते हैं. लेकिन मंदिर इसलिए बचा रहा, क्योंकि मुगलों ने इसे निर्माणाधीन मंदिर समझकर छोड़ दिया. बाद में स्थानीय लोगों ने इसके टुकड़ों को व्यस्थित करने की कोशिश की.
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