कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु के साथ साथ भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस कथा का पाठ जरुर करना चाहिए। इसके पाठ से व्यक्ति को दुखों से छुटकारा मिलता है। पढ़ें कार्तिक पूर्णिमा की संपूर्ण व्रत...
कार्तिक मास की कथा के अनुसार, जब भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था । उससे क्रोधित होकर तारकासुर के तीन पुत्रों ने देवताओं से बदला लेने का फैसला किया। तीनों अफसरों के नाम थे – तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली। देवताओं का प्रजित करने के लिए पहले तीनों ने तपस्या की और तपस्या के लिए जंगल में चले गए। उन्होंने हजारों वर्ष तक अत्यंत कठोर तप किया । उनके कठोर तप से ब्रह्मा जी प्रसन्न हुए और उनके सामने प्रकट हो गए और ब्रह्मा जी ने तीनों से वरदान मांगने के लिए कहा। तीनों ने कहा कि ब्रह्मा जी...
उन्होंने देवताओं को भी देवलोक से बाहर निकाल दिया ।त्रिपुरासुर के आतंक से त्रस्त होकर उन्हें हराने के लिए सभी देवता एकत्रित हुए । सभी ने अपना सारा बल लगाया, परंतु त्रिपुरासुर को हराने में कामयाब नहीं हो पाए। अंत में सभी भगवान शिवजी की शरण में गए। देवताओं ने कैलाश पर्वत पर जाकर शिवजी को पूरा वृत्तांत बताया। तब भगवान शंकर ने कहा कि आप सभी देवता मिलकर प्रयास करें । देवताओं ने कहा कि प्रभु, हम सभी ने मिलकर त्रिपुरासुर का वध करने का प्रयास किया, लेकिन, हम कुछ नहीं कर पाएं। हम आपकी शरण में आए है। आप...
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