Kartik Purnima Vrat Katha: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान-दान बाद करें पूजा, पढ़ें यह व्रत कथा, मिलेगी भगवा...

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Kartik Purnima Vrat Katha: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान-दान बाद करें पूजा, पढ़ें यह व्रत कथा, मिलेगी भगवा...
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Kartik Purnima Vrat Katha: कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने के बाद दान करते हैं. कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर शुक्रवार को है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा की व्रत कथा के बारे में.

कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर शुक्रवार को है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने के बाद दान करते हैं. इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, पाप मिटते हैं और मोक्ष भी प्राप्त होता है. कार्तिक पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 04:58 बजे से 05:51 बजे तक है. इस दिन सूर्योदय 06:44 ए एम पर होगा. कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर भगवान शिव, सत्यनारायण भगवान, चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. पूजा के समय कार्तिक पूर्णिमा की व्रत कथा पढ़ते हैं. इससे इस दिन का महत्व पता चलता है.

एक हजार साल बाद जब तीनों भाई मिलें तो तीनों नगर मिलकर एक हो जाएं. जो देव एक ही बाण से इन तीनों नगरों को नष्ट कर दे, उसके हाथों ही हमें मृत्यु की प्राप्ति हो. ब्रह्म देव ने उनको यह वरदान दे दिया. वरदान के प्रभाव से तीन नगरों का निर्माण हो गया. तारकक्ष के लिए सोने, कमला के लिए चांदी और विद्युन्माली के लिए लोहे का नगर बना था. उन तीनों भाइयों ने तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया. देवताओं के राजा इंद्र इन तीनों भाइयों से भयभीत होकर भगवान शिव के शरण में गए और मदद करने का निवेदन किया.

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