Maha Kumbh Mela 2025 निर्मोही अनी अखाड़ा सेवा कार्यों के लिए जाना जाता है। अखाड़े के संतों के लिए सेवा कार्य अनिवार्य है। सेवा कार्य न करने वालों पर सरकार का चाबुक चलता है। अखाड़े ने जुलाई 2024 से दिसंबर तक कई संतों को निष्कासित किया है। अखाड़ा प्रतिवर्ष सेवा कार्यों की गुप्त जांच करवाता है। इसमें निष्क्रिय रहने वाले निष्कासित किया जाता...
जागरण संवाददाता, महाकुंभनगर। सनातन धर्म की रक्षा को शस्त्र उठाने वाले अखाड़ों में सेवा सर्वोपरि है। गुरु की सेवा संन्यास की पहली साीढ़ी है। पद बढ़ने के साथ सेवा का स्वरूप व्यापक हो जाता है। गऊ सेवा, निश्शुल्क वैदिक शिक्षा दिलाने को विद्यालय का संचालन, प्रवचन से सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार, निश्शुल्क चिकित्सा शिविर लगाना उसमें समाहित हैं। श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा सेवा कार्यों से समझौता नहीं करता। अखाड़े के प्रमुख संतों, जगदगुरु व महामंडलेश्वरों को सेवा कार्यों का संचालन अनिवार्य है। इसकी...
महीने आगे-पीछे कर ली जाती है। चौफटका आरओबी से गुजरता श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा की छावनी प्रवेश शामिल हाथी। जागरण शास्त्र के साथ शस्त्र की शिक्षा निर्मोही अनी अखाड़ा के गठन के बाद उसका केंद्र अयोध्या, हरिद्वार के आस-पास का क्षेत्र था। वहां संतों की छोटी-छाेटी छावनी बनाई गई। अखाड़े से जुड़े संतों को छावनी में भाला, तलवार, त्रिशूल चलाने का प्रशिक्षण के साथ शास्त्र का ज्ञान कराया जाता था। यह परंपरा आज भी जारी है। अखाड़े के नागा संतों को बंदूक, त्रिशूल, भाला व तलवार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।...
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