इस बार का आम बजट जटिल व्यक्तिगत टैक्सेशन को सरल बनाने और मध्य वर्ग के लिए राहत प्रदान करने पर केंद्रित है। इसमें आयकर छूट की सीमा बढ़ाने, टीसीएस सीमा को बढ़ाने और घर मालिकों को टैक्स छूट में राहत देने जैसी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं शामिल हैं। बजट में किसानों को भी कई लाभ दिए गए हैं, जिसमें किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन की सीमा बढ़ाना और पीएम धन-धान्य योजना को आगे बढ़ाना शामिल है।
इस बार का आम बजट मध्य आय वाले करदाताओं के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया है। बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाए जाने के बाद मध्य वर्ग में खुशी की लहर है। इसका सीधा असर यह होगा कि मध्य वर्ग के वेतनभोगियों को पहले के मुकाबले कम टैक्स देना होगा और उनकी जेब में ज्यादा पैसे बचेंगे। बजट में नए आयकर बिल की घोषणा की गई है, जो एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार इस बिल को अगले सप्ताह लाएगी, जो वर्तमान में आय पर टैक्स लगाने के तरीके को बदल सकता है। 12 लाख तक की आय वाले वेतनभोगी करदाताओं को अब कोई टैक्स नहीं देना
होगा, जो 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण 12.75 लाख रुपये हो जाएगी। आयकर स्लैब की दरों में भी इसी के अनुसार बदलाव किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत दी गई है, खास तौर पर ब्याज से होने वाली आय पर टीडीएस सीमा को मौजूदा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। मकान मालिकों को बड़ी राहत इस बार बजट में मकान मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। खुद के इस्तेमाल वाले घरों पर टैक्स छूट के नियमों में बदलाव किया गया है। खासतौर पर जिनके पास दो मकान हैं। अब करदाता दो घरों को सेल्फ-ऑक्यूपाइड दिखाकर टैक्स छूट का लाभ ले सकेंगे, जबकि पहले यह सुविधा सिर्फ एक घर के लिए थी। अब ऐसे मकान मालिक संपत्तियों के वार्षिक मूल्य को शून्य के रूप में दावा कर सकते हैं। सरकार के इस कदम से होम ओनरशिप को बढ़ावा मिलेगा और रियल एस्टेट निवेश को भी मजबूती मिलेगी। किराये की आय पर भी टीडीएस दरों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव मौजूदा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे मकान मालिक और किरायेदारों दोनों को लाभ होगा। टीसीएस की सीमा बढ़ने से होगा लाभ बजट में टीसीएस की सीमा बढ़ाए जाने का लाभ उन परिवारों को मिलेगा, जिनके बच्चे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। अपने बच्चों की शिक्षा के लिए विदेश पैसा भेजने वाले लोगों को टीसीएस सीमा का लाभ तभी मिलेगा, जब यह धन किसी वित्तीय संस्थान के माध्यम से भेजा जाए। विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए टीसीएस की सीमा बढ़ाई गई है। पहले यह 7 लाख रुपये थी, जो अब 10 लाख रुपये कर दी गई है। टैक्सेशन में सुधार का प्रयास कुल मिलाकर यह बजट आम लोगों के लिए राहत देने वाला है। यह बजट जटिल व्यक्तिगत टैक्सेशन में सुधार करने का एक प्रयास है, जिससे छोटे करदाताओं और कर्मचारियों को लाभ होगा। करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा आने से उनके लिए खर्च करना और बचत करना संभव होगा, जिससे जीएसटी के तहत अधिक खर्च और कर संग्रह को बढ़ावा मिलेगा। एफडी कराने वालों को फायदा, अब 50,000 रुपये पर लगेगा टीडीएस सामान्य नागरिकों के लिए बैंक एफडी पर टीडीएस की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत, अब 50,000 रुपये या उससे अधिक की ब्याज आय पर बैंकों की ओर से टीडीएस काटा जाएगा। वर्तमान में 40,000 रुपये या उससे अधिक की ब्याज पर टीडीएस काटा जाता है। वर्तमान में खाताधारक का पैन नंबर उपलब्ध होने पर बैंकों को एफडी से प्राप्त ब्याज पर 10 फीसदी टीडीएस काटना होता है। स्वामी फंड-2:15 हजार करोड़ रुपये से पूरा होगा अटके हुए एक लाख घरों का निर्माण सरकार ने अटकी हुई आवासीय परियोजनाओं में एक लाख घरों का निर्माण पूरा करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के ‘स्वामीह’ कोष-2 की घोषणा की है। इसका उद्देश्य उन घर खरीदारों को राहत प्रदान करना है जिनका निवेश अटका हुआ है। सरकार की किफायती और मध्यम आय आवास के लिए विशेष विंडो (स्वामीह) के तहत, संकटग्रस्त आवास परियोजनाओं में 50,000 घर बनकर तैयार हो चुके हैं। घर खरीदारों को इनकी चाबियां भी सौंप दी गई हैं। 2025 में 40,000 और घर पूरे होंगे। इससे उन मध्य वर्ग परिवारों को मदद मिलेगी जो अपार्टमेंट के लिए ऋण पर ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं और साथ ही मौजूदा घरों का किराया भी दे रहे हैं। इस सफलता के आधार पर, सरकार, बैंकों और निजी निवेशकों के योगदान से एक मिश्रित वित्त सुविधा के रूप में स्वामीह फंड 2 शुरू किया जाएगा। किसान होंगे धन-धान्य से धनवान, कर्ज संवारेगा खेती सरकार ने इस बजट में भी कमजोर किसानों का हाथ पकड़े रखा। किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन का दायरा तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है। जाहिर है कि जिन किसानों को धन की कमी की वजह से मनचाही फसल उगाने में दिक्कत हो रही थी, अब उनका रास्ता खुलेगा। सस्ता कर्ज न सिर्फ खेती को मजबूत बनाएगा बल्कि उत्पादन बढ़ने से आर्थिक स्थिति में भी सुधार की उम्मीद की जा सकती है। कर्ज का दायरा बढ़ने से किसानों, मछुआरों, डेयरी से जुड़े 7.7 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। दूसरा सबसे बड़ा एलान पीएम धन-धान्य कृषि योजना के रूप में हुआ। इस योजना के तहत कम उपज वाले 100 जिलों पर सरकार की नजर रहेगी। वित्तीय मदद के साथ ही बीज से लेकर भंडारण और सिंचाई तक की व्यवस्था सरकार करेगी। इस योजना का मकसद किसानों की आय बढ़ाकर उनका जीवनस्तर उठाना है।
TAXATION BUDGET KISAN HOMEOWNERSHIP MIDDLE CLASS
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