भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार रात स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) के लिए पीएसएलवी-सी60 रॉकेट से दो अंतरिक्ष यान लॉन्च किए। दोनों यान सफलतापूर्वक अलग हो गए और करीब 470 किमी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिए गए। आने वाले दिनों में इसरो के वैज्ञानिक दोनों यानों को जोड़ने की कोशिश करेंगे। इस मिशन की सफलता से भारत अमेरिका, रूस और चीन जैसे चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल होगा।
भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और लंबी छलांग लगाकर विश्व के चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल होने के लिए तैयार है। भारत ीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सोमवार रात 10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र यानी शार से स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट लॉन्च किया। पीएसएलवी-सी60 से भेजे गए दोनों यान रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गए और करीब 470 किमी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिए गए। आने वाले दिनों में इसरो के वैज्ञानिक दोनों यानों की बीच की दूरी कम कर उन्हें जोड़ने की कोशिश करेंगे। इसरो साल के इस आखिरी...
इसरो के अनुसार, जब अंतरिक्ष में कई ऑब्जेक्ट होते हैं और जिन्हें किसी खास उद्देश्य के लिए एक साथ लाने की जरूरत होती है तो डॉकिंग की आवश्यकता होती है। डॉकिंग वह प्रक्रिया है जिसके मदद से दो अंतरिक्ष ऑब्जेक्ट एक साथ आते हैं और जुड़ते हैं। यह विभिन्न तरीकों का उपयोग करके किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अंतरिक्ष स्टेशन पर चालक दल के मॉड्यूल स्टेशन पर डॉक करते हैं, दबाव को बराबर करते हैं और लोगों को स्थानांतरित करते हैं। ऐसे होगी डॉकिंग प्रक्रिया मिशन का उद्देश्य यह है कि जब दोनों यान तेज...
इसरो अंतरिक्ष यान स्पेस डॉकिंग पीएसएलवी-सी60 भारत
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
इसरो का अंतरिक्ष डॉकिंग मिशन: ३० दिसंबर को लॉन्चइसरो का अंतरिक्ष डॉकिंग मिशन स्पाडेक्स ३० दिसंबर को लॉन्च होगा। इस मिशन के साथ भारत स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरेगा।
और पढो »
ISRO का स्पैडेक्स मिशन: अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शनइसरो का 30 दिसंबर को स्पैडेक्स मिशन अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करेगा। इस मिशन के जरिए भारत अंतरिक्ष डॉकिंग में सफलता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
और पढो »
इसरो का स्पैडेक्स मिशन: अंतरिक्ष में डॉकिंग की नई पहलइसरो का स्पैडेक्स मिशन अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है। यह मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यानों का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग को प्रदर्शित करेगा।
और पढो »
इसरो ने अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक किया स्पेस डॉकिंगभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार शाम 'स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट' यानी स्पैडेक्स सैटेलाइन की सफल लॉन्चिंग कर एक नया इतिहास रच दिया है.
और पढो »
इसरो ने सफलतापूर्वक किया स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंटभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने नए साल से ठीक पहले अंतरिक्ष में दो स्पेसक्राफ्ट को जोड़ने की तकनीक, जिसे स्पेस-डॉकिंग कहते हैं, में महारत हासिल करने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया। इसरो का स्पैडेक्स मिशन पीएसएलवी से लॉन्च किया गया, जिसमें 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में स्थापित किया गया।
और पढो »
इसरो का स्पेडेक्स मिशन: अंतरिक्ष में डॉकिंग का प्रदर्शनइसरो का स्पेडेक्स मिशन अंतरिक्ष में डॉकिंग की तकनीक का प्रदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण मिशन है।
और पढो »