Mushroom Farming Tips: पश्चिमी यूपी को आम और गन्ना बेल्ट के नाम से जाना जाता है, लेकिन अब पश्चिमी यूपी का सहारनपुर जिला आम और गन्ने के साथ-साथ मशरूम का हब भी बनता जा रहा है. इस बार सहारनपुर में मशरूम की 15 से अधिक यूनिट लगाई जा चुकी हैं और भी यूनिट्स लगाई जा रही हैं.
किसान लगातार कृषि विज्ञान केंद्र पहुंच रहे हैं और मशरूम की खेती करने के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले इस साल सहारनपुर में अधिक किसान मशरूम की खेती कर रहे हैं. सहारनपुर मशरूम की खेती के लिए प्रदेश में नंबर वन पर रहा है और धीरे-धीरे यहां के किसानों का भी मशरूम की खेती के प्रति रुझान बढ़ रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी सह प्रो. डॉ. आईके कुशवाहा ने Local18 को बताया कि कृषि क्षेत्र से युवाओं को जोड़ने के लिए लगातार केन्द्र में जागरूकता अभियान चलाया जाता है.
कृषि विज्ञान केंद्र ऑस्टर मशरूम का प्रमोशन इसलिए कर रहा है, क्योंकि मशरूम के बैग में इस्तेमाल होने वाला भूसा मशरूम के उत्पादन के बाद पशुओं के चारे में इस्तेमाल होगा. इससे पशु की सेहत में सुधार और पशु का दूध बढ़ेगा. मशरूम एक जंगली पौष्टिक औषधि है. पहले मशरूम जंगलों में होती थी, लेकिन अब मशरूम का उत्पादन घर के कमरों में किया जा रहा है. मशरूम उत्पादन के लिए 20 डिग्री से लेकर 30 डिग्री टेंपरेचर होना चाहिए. ऑस्टर मशरूम को तोड़कर ताजा भी बेचा जा सकता है. साथ ही इसको सुखाकर भी रखा जा सकता है.
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