इस तकनीक से करें बैगन की खेती, एक पौधे में 35KG की बंपर पैदावार, 1 कट्टे में 20 हजार की हो सकती है बचत

Agriculture समाचार

इस तकनीक से करें बैगन की खेती, एक पौधे में 35KG की बंपर पैदावार, 1 कट्टे में 20 हजार की हो सकती है बचत
Local18
  • 📰 News18 Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 15 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 12%
  • Publisher: 51%

बिहार के गया जिले में पहली बार बैंगन की खेती में तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.जिले के बांके बाजार प्रखंड क्षेत्र में मल्चिंग तकनीक के माध्यम से बैगन की खेती की जा रही है और इससे उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. बांके बाजार महिला विकास प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के द्वारा यह पहल की गई है और कई किसान इस विधि से बैगन की खेती कर रहे हैं.

प्रखंड क्षेत्र में कई किसानों के द्वारा मल्चिंग विधि से बैगन की खेती की जा रही है. इसमें किसानों को एफपीओ से ही पौधा उपलब्ध कराया गया और प्रति पेड़ 30 से 35 किलो तक उत्पादन होता है. बैगन का पौधा क्राफ्टिंग किया हुआ है और इसमें सालभर फल आता है. एफपीओ के द्वारा रांची से इस पौधे को मंगवाया गया था और बताया गया कि एक कट्ठा से किसान 20 हजार रुपए की बचत कर सकते हैं. अप्रैल महीने में ही इसे लगाया गया था और इसमें फल आना शुरू हो गया है.

किसानों के द्वारा बताया गया अभी ट्रायल के तौर पर इसकी खेती कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से फसल का उत्पादन हो रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आम बैंगन की तुलना में इसमें तीन गुना अधिक उत्पादन हो रहा है. यह लंबे दिनों तक चलने वाला प्रजाति है और 1 साल से भी अधिक समय तक इसमें फल आएंगे.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

News18 Hindi /  🏆 13. in İN

Local18

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

इस तकनीक से करें सफेद सोने की खेती, होगी दुगनी पैदावार; मुफ्त में मिल रहा बीजइस तकनीक से करें सफेद सोने की खेती, होगी दुगनी पैदावार; मुफ्त में मिल रहा बीजमध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सफेद सोना यानी कपास का उत्पादन खरगोन में ही होता है. यहां बीटी कपास की पैदावार होती है. जिले में कपास के उत्पादन को बढ़ाने और किसानों को समृद्ध करने के लिए कपास की खेती में नए प्रयोग किए जा रहे हैं.
और पढो »

Kalki 2898 AD: क्या 'कल्कि 2898 एडी' के मेकर्स छिपा रहे हैं ये बात! रिलीज फॉर्मेट से जुड़ा है मामलाKalki 2898 AD: क्या 'कल्कि 2898 एडी' के मेकर्स छिपा रहे हैं ये बात! रिलीज फॉर्मेट से जुड़ा है मामला'कल्कि 2898 एडी' इस साल की बहुप्रतिक्षित फिल्मों में से एक है। प्रभास की इस फिल्म के रिलीज फॉर्मेट को लेकर एक नई तरह की चर्चा शुरू हो गई है।
और पढो »

Election: खिसकी सियासी जमीन वापस पाने को जद्दोजहद... भाजपा के सामने खुद को साबित करने की चुनौतीElection: खिसकी सियासी जमीन वापस पाने को जद्दोजहद... भाजपा के सामने खुद को साबित करने की चुनौतीमालवा इलाका खेती पैदावार में अव्वल रहने के साथ पंजाब की सियासत का रुख तय करने में कारगर भूमिका में रहता है। 1966 से 2022 तक पंजाब में 18 मुख्यमंत्री बने हैं
और पढो »

Lok Sabha Elections 2024 : इस बार श्रीनगर में कड़ा मुकाबला, कश्मीरी पंडितों के 52 हजार वोट बनेंगे निर्णायकLok Sabha Elections 2024 : इस बार श्रीनगर में कड़ा मुकाबला, कश्मीरी पंडितों के 52 हजार वोट बनेंगे निर्णायकजम्मू-कश्मीर की महत्वपूर्ण सीटों में से एक श्रीनगर में इस बार कड़ा मुकाबला है।
और पढो »

अब किसान जल्द होंगे मालामाल!...इस तरीके से करें कीवी की खेती, होगी बंपर पैदावारअब किसान जल्द होंगे मालामाल!...इस तरीके से करें कीवी की खेती, होगी बंपर पैदावारकिसानों के लिए कीवी की खेती एक मुनाफे की खेती मानी जाती है. इसकी खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. वैसे तो कीवी की पौध दिसंबर से लेकर जनवरी माह तक लगाई जाती है. लेकिन मई से लेकर सितंबर के बीच में इन पौधों के ग्रोथ का समय रहता है. साथ ही एक दो साल के पौधों में भी खासा ध्यान देने की आवश्यकता है. क्योंकि, ये ही आने वाली पैदावार को तय करेंगे.
और पढो »

अब किसान जल्द होंगे मालामाल!...इस तरीके से करें कीवी की खेती, होगी बंपर पैदावारअब किसान जल्द होंगे मालामाल!...इस तरीके से करें कीवी की खेती, होगी बंपर पैदावारकिसानों के लिए कीवी की खेती एक मुनाफे की खेती मानी जाती है. इसकी खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. वैसे तो कीवी की पौध दिसंबर से लेकर जनवरी माह तक लगाई जाती है. लेकिन मई से लेकर सितंबर के बीच में इन पौधों के ग्रोथ का समय रहता है. साथ ही एक दो साल के पौधों में भी खासा ध्यान देने की आवश्यकता है. क्योंकि, ये ही आने वाली पैदावार को तय करेंगे.
और पढो »



Render Time: 2025-02-21 04:44:57