उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय प्रगति देखी जा रही है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ा है और विकास दर भी बेहतर है। साथ ही राज्य सरकार पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में पर्यावरण के चार प्रमुख घटकों - जंगल, हवा, मिट्टी और पानी की सेहत में आये परिवर्तन का आकलन करने के लिए जीईपी (ग्रास इन्वायरनमेंट प्रोडक्ट) प्रकोष्ठ का गठन करने की तैयारी कर रही है।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी ) वर्ष 2024-25 में 3.78 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी वृद्धि दर्शाता है। साथ ही, विकास दर 6.61 प्रतिशत रहने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति वार्षिक आय भी 2.46 लाख से बढ़कर 2.
74 लाख रुपये हो गई है। यह जानकारी नियोजन सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने पत्रकार वार्ता में दी। उत्तराखंड में पर्यावरण के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण के चलते, राज्य सरकार नए वित्तीय वर्ष में जीईपी (ग्रास इन्वायरनमेंट प्रोडक्ट) प्रकोष्ठ का गठन करने की तैयारी कर रही है। इस प्रकोष्ठ का उद्देश्य पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में पिछले दो वर्षों में जंगल, हवा, मिट्टी और पानी की सेहत में आये परिवर्तन का आकलन करना है। यह प्रकोष्ठ पर्यावरण निदेशालय या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधीन गठित किया जा सकता है, इस संबंध में उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लेने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, प्रकोष्ठ का गठन होने के बाद वह राज्य का जीईपी सूचकांक जारी करने के लिए काम करेगा।उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जो जीडीपी के साथ जीईपी का आकलन कर रहा है। पिछले वर्ष जुलाई में हेस्को (हिमालयन एन्वायरनमेंटल स्टडीज एंड कंजर्वेशन आर्गनाइजेशन) के सहयोग से राज्य ने पर्यावरण के चार प्रमुख घटकों - हवा, मिट्टी, पानी और जंगल के सूचकांक के आधार पर राज्य का जीईपी सूचकांक जारी किया था। इसमें वर्ष 2020 के आंकड़ों को केंद्र बिंदु मानते हुए वर्ष 2022 तक पारिस्थितिकी के संरक्षण को उठाए गए कदमों के आधार पर राज्य का जीईपी सूचकांक 0.95 प्रतिशत आंका गया था। इसके बाद प्रति दो वर्ष में राज्य का जीईपी सूचकांक जारी करने का निर्णय लिया गया था। जीईपी सूचकांक के आधार पर पर्यावरण के मुख्य घटकों के संरक्षण-संवर्द्धन को प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने पर विशेष रूप से जोर दिया गया था। अब इस सबके दृष्टिगत जीईपी प्रकोष्ठ के गठन को लेकर कसरत शुरू हो गई है।
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