यूसीसी लागू होने से शादी, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे कई पहलुओं में बदलाव आएगा। सशस्त्र बलों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन जाएगा।
उत्तराखंड में सोमवार से समान नागरिक संहिता ( यूसीसी ) लागू होगी। यह परिवर्तन राज्य में कई पहलुओं को प्रभावित करेगा। शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, और इसके लिए ग्राम सभा स्तर पर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। किसी भी जाति, धर्म या संप्रदाय के व्यक्ति के लिए तलाक का कानून एक समान होगा। उत्तराखंड में हलाला जैसी प्रथा समाप्त हो जाएगी। लड़कियों की शादी की उम्र, चाहे वह किसी भी जाति-धर्म की हो, एक समान होगी। सभी धर्मों में बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिलेगा, हालांकि दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं
लिया जा सकेगा।यूसीसी के तहत बहुविवाह पर रोक होगी और उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर की हिस्सेदारी होगी। लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण भी अनिवार्य होगा, और इस दौरान पैदा होने वाले बच्चे को भी शादीशुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार प्राप्त होंगे। यूसीसी में सशस्त्र बलों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। यदि कोई सैनिक, वायुसेना या नौसेना में विशेष अभियान में है, तो वह विशेषाधिकार वाली वसीयत कर सकता है। यह वसीयत हाथ से लिखी जा सकती है और हस्ताक्षर या साक्षी के बिना भी मान्य होगी, परंतु इसकी पुष्टि होनी जरूरी है कि यह सैनिक का ही हस्तलेख है। विवाह के पंजीकरण के लिए कट ऑफ डेट 27 मार्च 2010 रखी गई है। यानी इस दिन से हुए सभी विवाह पंजीकृत कराने होंगे। विवाह का पंजीकरण छह माह के भीतर करना होगा। विवाह का पंजीकरण करने के लिए किए गए आवेदन पर कानूनी स्वीकृति न मिलने पर विवाह का आवेदन स्वीकृत माना जाएगा। यह भी ध्यान रखें कि यूसीसी लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य सेवक सदन में संहिता की नियमावली व पोर्टल का लोकार्पण करेंगे
यूसीसी उत्तराखंड नागरिक संहिता समाज कानून विवाह तलाक उत्तराधिकार गोद लेना
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
उत्तराखंड में जनवरी से लागू होगी 'समान नागरिक संहिता'मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड में इसी महीने 'समान नागरिक संहिता' को लागू कर दिया जाएगा। इसे लागू करने की सारी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।
और पढो »
उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा जिसमे समान नागरिक संहिता लागू होगीउत्तराखंड 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करेगा। यह लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि जनवरी से उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने अपना 'होमवर्क' पूरा कर लिया है और जनवरी 2025 से पूरे राज्य में समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी।
और पढो »
उत्तराखंड में 26 जनवरी से लागू होगी समान नागरिक संहिताउत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। 26 जनवरी से यह लागू होगी। यह देश का पहला राज्य होगा जो समान नागरिक संहिता लागू करेगा।
और पढो »
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होगीउत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बरेली में उत्तरायणी मेले के उद्घाटन अवसर पर समान नागरिक संहिता का विधेयक तैयार होने और जनवरी में लागू होने की जानकारी दी. उन्होंने धर्मांतरण रोधी कानून, दंगा रोधी कानून, लैंड जिहाद के खिलाफ कदम, पर्यटन और महिलाओं के लिए किए जा रहे कामों की जानकारी दी.
और पढो »
UP News: बरेली में बोले उत्तराखंड के CM धामी, समान नागरिक संहिता की ‘गंगोत्री’ से भी लाभांवित होगा पूरा देशउत्तराखंड के CM धामी ने बरेली में आयोजित उत्तरायणी मेले में समान नागरिक संहिता पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तराखंड से निकलने वाली नदियां पूरे देश को लाभ पहुंचाती हैं उसी तरह समान नागरिक संहिता भी पूरे देश के लिए फायदेमंद होगी। धामी ने यह भी बताया कि उत्तराखंड में धर्मांतरण विरोधी कानून सख्त दंगा रोधी कानून और नकल रोधी कानून लागू...
और पढो »
उत्तराखंड 2024: समान नागरिक संहिता, दंगाइयों का कानून और दुर्घटनाएं2024 उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ, समान नागरिक संहिता को लेकर विवाद, दंगाइयों को रोकने के कानून और कई दुर्घटनाओं ने राज्य को प्रभावित किया।
और पढो »