एंग्जाइटी: नजरअंदाज न करें, जानें कारण और समस्याएं

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एंग्जाइटी: नजरअंदाज न करें, जानें कारण और समस्याएं
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यह लेख एंग्जाइटी के बारे में जानकारी देता है, इसके लक्षणों, कारणों और मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में बताता है।

आज के समय में लाखों लोग एंग्जाइटी से जूझ रहे हैं. दरअसल, एंग्जाइटी सबसे आम मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. कुछ लोग एंग्जाइटी को हल्के में लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एंग्जाइटी को नजरअंदाज करना गंभीर साबित हो सकता है. मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, एंग्जाइटी धीरे-धीरे डिप्रेशन में बदल जाती है. इसलिए भूलकर भी इसे आम मेंटल हेल्थ प्रोब्लम ना समझें.

एंग्जाइटी के लक्षणएंग्जाइटी के दौरान व्यक्ति में सिरदर्द, चक्कर आना, तनावग्रस्त मांसपेशियां, पिन और सुइयों की चुभन महसूस होना, तेज सांस लेना या सांस फूलना, पसीना आना, रक्तचाप में वृद्धि, नींद में कठिनाई और साथ ही थकान जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. मनोवैज्ञानिक रूप से एंग्जाइटी से ग्रस्त लोग तनाव और भय महसूस करते हैं. बार-बार स्थितियों को दोहराते हैं और बेचैनी की भावना लगातार महसूस करते हैं. चिंता हर व्यक्ति के लिए एक ही तरह से नहीं दिखाई देती है. जानें एंग्जाइटी से होती हैं कैसी समस्याएं?1. एंग्जाइटी के दौरान व्यक्ति को सांस संबंधी समस्याएं होती हैं. दरअसल, एंग्जाइटी के कारण व्यक्ति की सांस का पैटर्न बदल जाता है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा से कम हो जाती है. इससे मस्तिष्क को रक्त की आवश्यक आपूर्ति नहीं मिलती, जिसकी वजह से व्यक्ति को चक्कर आते हैं. Advertisement2. एंग्जाइटी के कारण व्यक्ति को पेट में दर्द, ब्लोटिंग, पेट में ऐंठन, दस्त, इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम और उल्टी भी हो सकती है. इसलिए एंग्जाइटी को नजरअंदाज करने से आपका पाचन तंत्र भी खराब हो सकता है. 3. एंग्जाइटी व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देती है. मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, जब आपका शरीर लगातार तनाव और चिंता से गुजरता है, तो आपके शरीर के लिए अपनी सामान्य स्थिति में वापस आना मुश्किल हो जाता है. इसका मतलब है कि आपकी इम्युनिटी हमेशा दबाव में रहती है, जिससे लगातार बीमारियों और वायरल संक्रमण का खतरा बना रहता है. 4. जब आप लगातार चिंता में रहते हैं तो इससे आपका नर्वस सिस्टम आपकी मांसपेशियों को तनाव प्रतिक्रिया के लिए तैयार करने के संकेत भेजता है, जो आपकी मांसपेशियों को कॉन्ट्रैक्ट करके अत्यधिक दबाव डालता है. लगातार मांसपेशियों में तनाव के कारण ऐंठन, कठोर मांसपेशियां, दर्द और कसाव हो सकता ह

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