केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि एनटीए सुधार के लिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें लागू की जाएंगी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए टाल दी और अप्रैल में फिर सुनवाई पर लगाने का निर्देश दिया है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( एनटीए ) में सुधार को लेकर उच्च अधिकार प्राप्त विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें लागू की जाएंगी। पिछले साल नीट यूजी परीक्षा आयोजित करने में एनटीए पर सवाल उठने के बाद एनटीए में सुधार और परीक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के पूर्व प्रमुख राधाकृष्णनन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी। जानिए कब होगी मामले की सुनवाई समिति ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है जिसमें कई
सिफारिशें की गई हैं। गुरुवार को न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा व मनोज मिश्रा की पीठ को मेहता ने यह जानकारी देते हुए मामले की सुनवाई छह माह के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए टाल दी और केस को अप्रैल में फिर सुनवाई पर लगाने का निर्देश दिया। पिछले वर्ष नीट यूजी परीक्षा के बाद काफी विवाद हुआ था और सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हुईं थी जिसमें पूरी परीक्षा रद करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने पूरी परीक्षा रद करने की मांग ठुकरा दी थी। एनटीए केवल उच्च शिक्षण स्थानों में प्रवेश परीक्षाएं कराएगा कोर्ट ने कहा था कि अभी नीट के प्रणालीगत दूषित होने के साक्ष्य नहीं हैं जिसके लिए पूरी परीक्षा रद कर नए सिरे से परीक्षा कराने का निर्देश दिया जाए। हालांकि कोर्ट ने कमेटी का दायरा बढ़ाते हुए कमेटी से परीक्षा को फूलप्रूफ बनाने के लिए अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों पर विचार कर रिपोर्ट देने को कहा था। कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट गत अक्टूबर में सौंप दी थी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने गत 17 दिसंबर को कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशें लागू करने के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि 2025 से एनटीए सिर्फ प्रवेश परीक्षाएं जैसे जेईई मेन, नीट, सीयूईटी जैसी उच्च शिक्षण स्थानों में प्रवेश से जुड़ी परीक्षाएं कराएगा
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