इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था- देश में नहीं हैं डिटेंशन सेंटर
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने डिटेंशन सेंटर को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ असम में ही एक डिटेंशन सेंटर है. इसके अलावा देश में कहीं डिटेंशन सेंटर नहीं हैं. अगर असम के अलावा कहीं पर डिटेंशन सेंटर है, तो मैं इसको लेकर कंफर्म नहीं हूं. उन्होंने यह भी कहा कि देश में जितने भी डिटेंशन सेंटर हैं, वो हमारी सरकार में नहीं बनाए गए हैं.
एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर कोई विदेशी बिना वीजा या किसी दस्तावेज के गैरकानूनी तरीके से देश में घुस आता है और पकड़ा जाता है, तो उसको जेल में नहीं रखा जाता है. ऐसे गैर कानूनी तरीके से घुसपैठ करने वालों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है. इसके बाद गैरकानूनी तरीके से देश में घुसने वाले को उसके देश वापस भेज दिया जाता है.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि डिटेंशन सेंटर का राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर से कोई लेना देना नहीं हैं. यह जेल नहीं होती है. यह जेल से बिल्कुल अलग होती है. इस दौरान शाह ने सवालिया लहजे में कहा, ‘अगर कोई दूसरे देश का शख्स गैर कानूनी तरीके से घुसपैठ करता है, तो उसको कहां रखना चाहिए. ऐसे लोगों को ही डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है.’
इससे पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश में डिटेंशन सेंटर नहीं हैं. हालांकि संसद में मोदी सरकार खुद ये बात मान चुकी है कि देश में न सिर्फ डिटेंशन सेंटर हैं, बल्कि उनमें हजारों लोगों को रखा भी गया है. कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से उन पुरानी खबरों को ट्वीट किया, जिनमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के डिटेंशन सेंटर से जुड़े जवाब छापे गए हैं.
डिटेंशन सेंटर को लेकर राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस सांसद शांतनु सेन ने सवाल किया गया था, जिसके जवाब में नित्यानंद राय ने कहा था कि असम सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 22 नवंबर तक राज्य के 6 डिटेंशन सेंटर में 22 हजार 988 लोग हैं. इसके अलावा 2 जुलाई 2019 को भी गृह मंत्रालय ने बताया था कि असम में 'घोषित विदेशियों' को रखने के लिए कुल 6 डिटेंशन सेंटर हैं. 25 जून 2019 तक यहां 1133 लोगों को डिटेन किया गया.
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