किसान की मेहनत और उनकी फसल की सुरक्षा हमेशा एक बड़ी चुनौती होती है. विशेष रूप से जब मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण फसल पर बीमारियों और कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है. वर्तमान में, मड़ुआ जैसे मोटे अनाज की खेती से किसानों को अच्छी कमाई हो रही है, लेकिन इसके साथ ही उन्हें ब्लास्ट रोग और पत्ती लपेटक कीट जैसे खतरों का भी सामना करना पड़ रहा है.
किसानों ने मोटे अनाज जैसे मड़ुआ, ज्वार, बाजरा और चीना की खेती से अच्छी कमाई शुरू की है. ये फसलें न केवल स्थानीय बाजार में मांग में हैं, बल्कि इनकी खेती से किसान अपनी आय में भी वृद्धि कर रहे हैं. हाल ही में मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते मड़ुआ के खेतों में ब्लास्ट रोग और पत्ती लपेटक कीट का प्रकोप बढ़ गया है. डॉक्टर वाजिद हसन के अनुसार, मड़ुआ के पौधों में फलन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इस महत्वपूर्ण समय में इन रोगों का आक्रमण होने से फसल को गंभीर नुकसान हो सकता है.
उचित समय पर उपचार करने से किसान 15 से 20 प्रतिशत तक होने वाले नुकसान से बच सकते हैं. ये न केवल फसल की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी स्थिर रखता है. मड़ुआ की फसल में रोग लगने पर किसानों को सलाह दी गई है कि वे अच्छा फंगीसाइड खरीदें, जैसे प्रोपिकोनाज़ोल या हेक्साकोनाज़ोल. इसे 2 एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से रोग से छुटकारा पाया जा सकता है. ये उपाय पौधों को फिर से स्वस्थ बनाने में सहायक होता है.
Blast Diasease Patta Lapet Rog Se Fasal Ko Kaise Bachaye Patta Lapet Rog Madua Ki Kheti Tips For Madua Farming Madua Cultivation Madua Farming Madua Farming Benefits Benefits Of Madua Farming Farming Tips Agriculture Agriculture News Agri Tips Tips For Farmers Hindi News Today Local18 News18hindi Latest News Hindi News Today News Latest Hindi News Aaj Ki Taza Khabre Hindi News Today Local18 News18hindi Bihar News Bihar News Bihar Ki Khabre Bihar News In Hindi Latest News Bihar Jehanabad Jehanabad News Jehanabad Local News Jehanabad Latest News
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
गेंदा के फूलों में इन रोगों के लगने का रहता है खतरा, एक्सपर्ट से जानिए बचाव के उपायMarigold Cultivation: लोकल 18 से बात करते हुए नरेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि गेंदा की फसल में मुख्य रूप से तीन प्रकार के रोग लगने का खतरा रहता है.
और पढो »
धान की फसल में कवक रोग से निपटने के लिए प्राकृतिक उपाययह लेख धान की फसल में कवक रोग से निपटने के लिए विभिन्न प्राकृतिक उपायों पर प्रकाश डालता है। नीम का अर्क, छाछ और बेकिंग सोडा जैसे सामग्री का उपयोग करके कवक के प्रसार को रोका जा सकता है। लेख में सिंचाई पद्धतियों को बेहतर बनाने और संक्रमित पौधों को हटाने जैसी अन्य रणनीतियों पर भी चर्चा की गई है।
और पढो »
सितंबर महीने में करें ये काम, वरना सूख जाएगी धान की फसल! आज ही अपने खेतों में करें यह उपायजमुई. खरीफ के सीजन में धान की फसल की खेती की जाती है और इस वक्त भी किसानों ने अपने खेतों में धान की फसल लगा कर रखी है. धान की फसल में समय-समय पर खरपतवार नियंत्रण के साथ-साथ एक्सपर्ट की सलाह पर खेतों में कीटनाशक का छिड़काव अत्यंत जरूरी होता है. लेकिन इसके साथ ही किसानों को धान की फसल को बेहतर बनाने के लिए कई सारे उपाय करने चाहिए.
और पढो »
गोभी की खेती करने वाले किसान न लें टेंशन, फसल में नहीं लगेगा कीड़ा, अपनाएं ये तरीकासब्जियों में रोग और कीट लगने का खतरा अधिक होता है, जिससे किसानों को फसल के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है.
और पढो »
किसान हो जाएं सावधान! खेतों में पीली पर रही है गन्ने की फसल तो तुरंत करें ये उपाय, जानें कृषि एक्सपर्ट की स...गन्ने की फसल में पत्तियों का पीला पड़ना और सूखना किसानों के लिए गंभीर चिंता का कारण बन गया है. ये समस्या फसल की सेहत और उपज पर विपरीत असर डाल सकती है लेकिन यदि समय पर सही निदान और नियंत्रण उपाय किए जाएं, तो फसल को संरक्षित किया जा सकता है. ऐसे में आइए कृषि एक्सपर्ट से जानते हैं इससे बचने के कुछ आसान उपाय.
और पढो »
धान की फसल के लिए काल है कंडुआ रोग, उत्पादन क्षमता को करता है प्रभावित, एक्सपर्ट से जानें बचाव के उपायकृषि वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने बताया कि कंडुआ रोग के लक्षण को पहचानना जरूरी है. उसके बाद अगर फसल में कहीं भी कंडुआ रोग का लक्षण दिखे तो तुरंत उस पौधे को उखाड़कर जमीन में गाड़ देना चाहिए. नियंत्रण के लिए प्रोपिकोनाजोल 25 प्रतिशत की 100-200 मिली दवा को 200-300 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए.
और पढो »