Child Pornography: बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री देखना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में यह बात कही है. कर्नाटक हाईकोर्ट से पहले भी सुप्रीम कोर्ट भी ऐसा कह चुका है.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने 50 मिनट तक बाल पोर्नोग्राफी वाली वेबसाइट देखने के आरोपी व्यक्ति को राहत देते हुए कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम- आईटी एक्ट के प्रावधानों के तहत केवल चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना अपराध नहीं है. कोर्ट में एक ऐसा मामला आया जिसमें याचिकाकर्ता के खिलाफ यह आरोप है कि उसने एक अश्लील वेबसाइट देखी है. कोर्ट के विचार में, इस सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण नहीं होगा, जैसा कि आईटी अधिनियम की धारा 67बी के तहत आवश्यक है.
इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बच्चों की अश्लील वेबसाइट देखना अपराध नहीं है, लेकिन इस प्रकार की सामग्री में बच्चों का इस्तेमाल किया जाना अपराध है. मद्रास हाई कोर्ट के एक फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही थी. मद्रास हाई कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने को पॉक्सो और आईटी एक्ट के तहत अपराध के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया था.
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