National Cancer Awareness Day: कैंसर की बीमारियों का पता आमतौर पर लोगों का शुरुआती स्टेज में नहीं लग पाता क्योंकि लोग टेस्ट और स्क्रीनिंग को लेकर उतने जागरूक नहीं हैं.
Raha Kapoor
इस डिजीज का वक्त रहते पता लग जाने पर इलाज ज्यादा असरदार होता है और रिकवर होने की संभावना अधिक होती है. एचपीवी से रिलेटेड कैंसर जैसे खास टाइप के कैंसर का अर्ली डिटेक्शन लाइफ सेविंग हो सकता है. ह्यूमन पेपिलोमावायरस सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण है, जो लगभग 99% मामलों के लिए जिम्मेदार है, और पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करने वाले अन्य कैंसर से जुड़ा हुआ है.
स्क्रीनिंग गाइडलाइंस में 30 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को हर 5 साल में हाई रिस्क वाले एचपीवी परीक्षण या पैप-एचपीवी को टेस्टिंग से गुजरने की सलाह दी जाती है, जिससे सेल एब्नार्मेलिटी के लिए पैप स्मीयर एनालिसिस के साथ वायरस का पता लगाने में मदद मिलती है. ये कॉम्बिनेशन टेस्ट, या को-टेस्ट, अर्ली स्टेज एब्नार्मेलिटीज का पता लगाने में इफेक्टिव है, जिससे कैंसर के हमले से पहले वक्त पर इंटरवेंशन का मौका मिल जाता है.टेक्नोलॉजी में तरक्की ने सर्वाइकल कैंसर के डाइग्नोसिस में काफी सुधार किया है.
स्क्रीनिंग और वैक्सिनेशन में तरक्की के बावजूद, रेग्युलर टेस्ट करवाने में लोगों में इच्छा की कमी एक चुनौती बनी हुई है. पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन नियमित जांच और प्रिवेंटिव केयर के महत्व पर जोर देते हैं. हाल ही में 'सेल्फ कलेक्शन किट' के आने महिलाओं के बीच सक्रिय जांच की कमी की चुनौती को दूर करने में मदद कर सकता है.
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