क्या इस बार मॉनसून की बारिश बंद नहीं होगी? यह सितंबर के अंत तक जाएगी या उसके और आगे. क्योंकि अगस्त के अंत तक दो लो-प्रेशर सिस्टम बन चुके हैं. आगे भी बनने की आशंका है. इससे फसलों को नुकसान होगा. जैसे चावल, कपास, सोयाबीन, मक्का और दालें. क्योंकि ये आमतौर पर मध्य सितंबर में काटी जाती हैं.
इस बार मॉनसून समय पर आया. अच्छी बारिश भी हुई. लेकिन अब ये जाने का नाम नहीं ले रहा है. मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार लो प्रेशर सिस्टम बनने की वजह से इस बार मॉनसून का विड्रॉल यानी उसकी विदाई लेट होगी. ये सितंबर अंत तक या उसके आगे भी जा सकती है. ऐसे में गर्मियों में लगाई गई फसल ों को नुकसान हो सकता है. चावल, कपास, सोयाबीन, मक्का और दालों को सितंबर के मध्य में काटा जाता है. बारिश होती रही तो कटाई मुश्किल होगी.
17 सितंबर तक खत्म हो जाता है. लेकिन इस बार ये अक्तूबर के मिड तक खत्म होता दिख रहा है. Advertisementयह भी पढ़ें: भयंकर बारिश के बाद अब समंदर में तूफान की आशंका... गुजरात के आसमान में खलबलीभारत में मॉनसून सालाना पानी की जरूरत का 70 फीसदी हिस्सा लेकर आता है. इससे खेती बेहतर होती है. जलाशय भरते हैं. आधे से ज्यादा किसानी मॉनसून पर निर्भर रहती है. ये हो सकता है कि सितंबर और अक्तूबर की बारिश ला-नीना वेदर सिस्टम की वजह से हो. इससे मॉनसून के जाने में देरी होगी.
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