विश्व युद्ध के दौरान क्रिसमस की रात, जर्मन और ब्रिटिश सैनिकों ने गोलीबारी बंद कर एक-दूसरे के साथ क्रिसमस मनाया। इस ऐतिहासिक युद्ध विराम को कैसे शुरू किया गया, इसके इतिहास को जानें
बंदूक छोड़कर गाने गाए और फुटबॉल खेला; एक त्योहार ने कैसे रोक दी थी जंगबेल्जियम में मित्र राष्ट्रों और जर्मन सैनिकों के 1914 के क्रिसमस सीजफायर के दौरान हाथ मिलाने की मूर्ति लगाई गई है। इसे 1914 क्रिसमस ट्रूस स्मारक कहा जाता है। दिसंबर 1914 तक पहले विश्व युद्ध के शुरू हुए 5 महीने हो चुके थे। ब्रिटेन , फ्रांस और बेल्जियम की सेना जर्मनी और इटली के सैनिकों के बीच खतरनाक जंग चल रही थी।शुरू होने से पहले दोनों ही पक्षों ने अपने सैनिकों में उत्साह भरने के लिए ‘ क्रिसमस तक घर वापस आएंगे’ का नारा दिया था।
लेकिन अब तक सभी को समझ आ चुका था कि जंग इतनी जल्दी खत्म होने वाली नहीं है। ठिठुरती ठंड के बीच टूटे बैरकों में खस्ता हाल रह रहे दोनों तरफ के सैनिकों की परिस्थितियां दयनीय थीं। ऐसे में 24 दिसंबर की रात यानी कि क्रिसमस की पूर्व संध्या पर कुछ अनोखा हुआ। दोनों तरफ के सैनिकों ने क्रिसमस के दिन खून-खराबा नहीं करना तय किया और रात से ही दोनों तरफ से गोलीबारी रोक दी गई। दुनिया भर में इस किस्से को याद किया जाता है, लेकिन किसी को नहीं पता कि इस ऐतिहासिक युद्ध विराम की शुरुआत कैसे हुई?1914 में क्रिसमस के दिन बेल्जियम में जंग रोक कर एक साथ समय बिता रहे जर्मनी और ब्रिटेन के सैनिक।न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इतिहासकारों का मानना है कि युद्ध विराम की शुरुआत क्रिसमस की शाम जर्मन सैनिकों के कैरल गाने के साथ हुई। दरअसल, क्रिसमस को मनाते हुए दुनियाभर के ईसाई कुछ गाने गाते हैं जिन्हें कैरल कहा जाता है। लंदन की पांचवीं राइफल ब्रिगेड के ग्राहम विलियम के मुताबिक पहले जर्मनी की तरफ से गाने की शुरुआत हुई, जिसके जवाब में ब्रिटिश सैनिकों ने भी गाना शुरू कर दिया। फिर देखते ही देखते दोनों तरफ के सैनिकों ने अपनी-अपनी भाषा में क्रिसमस के गीत गाए। अगले दिन क्रिसमस की सुबह जर्मनी के सैनिक अपने बैरकों से निकले और मित्र देश के सैनिकों को अंग्रेजी में 'मेरी क्रिसमस' कहते हुए बधाई दी और गले लगाया। लंदन राइफल ब्रिगेड की पहली बटालियन के सैनिक बेल्जियम में क्रिसमस की शाम डिनर के बाद साथ बैठे थे। ये उसी वक्त की तस्वीर है।क्रिसमस के दिन का ही एक और किस्सा ये भी है कि 25 दिसंबर 1914 की सुबह जर्मनी की तरफ से एक साइन बोर्ड दिखाया गया। इस पर लिखा था, 'तुम गोली मत चलाओ, हम भी गोली नहीं चलाएंगे।
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