क्षुद्रग्रह टकराव से पृथ्वी का जलवायु में भारी बदलाव

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क्षुद्रग्रह टकराव से पृथ्वी का जलवायु में भारी बदलाव
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बेन्नू नामक एक क्षुद्रग्रह का पृथ्वी से टकराव जलवायु और जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। यह टकराव धूल के विशाल कोहे में बदल जाएगा, जो धूप को अवरुद्ध करेगा और वैश्विक तापमान में गिरावट लाएगा।

भविष्य में, लगभग 500 मीटर व्यास वाला एक क्षुद्रग्रह बेन्नू पृथ्वी से टकरा सकता है। इस टकराव के कारण पृथ्वी की जलवायु और जीवन में व्यापक बदलाव आ सकते हैं। टकराव के बाद, ऊपरी वायुमंडल में लाखों टन धूल का एक विशाल कोहरा फैल जाएगा। यह धूल, 10 से 40 करोड़ टन तक, वायुमंडलीय रसायन विज्ञान और वैश्विक प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करेगा, जिससे तीन से चार साल के लिए जलवायु में भारी गड़बड़ी आएगी। दक्षिण कोरिया के बुसान राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के आईबीएस सेंटर फॉर क्लाइमेट फिजिक्स (आईसीसीपी) के शोधकर्ताओं

ने यह जानकारी एक अध्ययन के जरिए सामने आई है। उनके निष्कर्षों को साइंस एडवांस जर्नल में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, औसतन, मध्यम आकार के क्षुद्रग्रह पृथ्वी से हर 100,000 से 200,000 साल में टकराते हैं। अध्ययन में उन्होंने एक मॉडल का उपयोग करके पृथ्वी की जलवायु प्रणाली और महासागरों में स्थलीय पौधों और प्लवकों पर क्षुद्रग्रह के टकराव के प्रभावों का विश्लेषण किया है

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क्षुद्रग्रह टकराव जलवायु परिवर्तन भविष्य

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