यह लेख गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए कुछ प्रभावी उपाय बताता है।
गर्मी के मौसम में लोगों को डिहाइड्रेशन की समस्या सबसे ज्यादा होती है। यह समस्या धूप के कारण या नींद पूरी न होने के कारण भी हो सकती है। ऐसे में लोगों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान देना चाहिए और अधिक से अधिक स्वस्थ सब्जियों, फलों और एनर्जी ड्रिंक का सेवन करना चाहिए। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या से बचा जा सकता है। \ गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की भरपूर मात्रा होना बहुत जरूरी होता है। अगर लोग कुछ तरल पदार्थ का सेवन करते हैं, तो उन्हें डिहाइड्रेशन होने की समस्या नहीं होगी। पानी में पुदीने की
पत्ती, काला नमक, जीरा और खीरे को मिलाकर पीने से शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी और साथ ही डिहाइड्रेशन की समस्या भी नहीं होगी। सही प्रकार का खानपान न होना डिहाइड्रेशन का एक बड़ा कारण होता है। ऐसे में लोगों को गर्मियों के मौसम में ज्यादा जूस वाले फल खाने चाहिए, जैसे तरबूज, खरबूज, संतरा, अनानास और कई तरह के फल। इससे उन्हें भरपूर मात्रा में विटामिन मिल सकते हैं। ऐसे फलों का सेवन करना चाहिए।\गर्मियों में वर्कआउट करने के बाद सादा पानी पीने से ज्यादा फायदेमंद इलेक्ट्रोल या नारियल पानी पीना होता है, क्योंकि इससे शरीर को ताकत मिलती है और पसीने निकालने की वजह से शरीर में जो थकावट हो जाती है वह भी महसूस नहीं होती। गर्मी के मौसम में पानी पीना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ऐसे में अगर पानी के साथ उसमें कुछ फल डालकर उसे पिए तो उससे शरीर को जरूरी मिनरल्स मिलते रहते हैं, जैसे पानी में स्ट्रॉबेरी, खीरा, नींबू, संतरा जैसे फलों के टुकड़े काटकर डाल दें और इसे थोड़ी-थोड़ी देर पर पिएं। इससे शरीर को ताजगी के साथ मजबूती मिलेगी
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आम के पेड़ों पर मिली बग कीट से बचाव के उपायजिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि आम की बागवानी कर किसान अच्छा और एकमुश्त मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन आम के पेड़ों में फसल आने से पहले किसानों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान भी रखना चाहिए. क्योंकि आम के पेड़ों पर फरवरी के महीने में मिली बग नाम के कीट हमला कर देते हैं. जिसकी वजह से आम का बौर गिरना और फल गिरने की समस्या रहती है. जिससे उपज की गुणवत्ता भी खराब हो जाती है. जिसकी वजह से किसानों को बाजार में भाव अच्छा नहीं मिल पाता और किसानों की लागत भी बढ़ जाती है. जनवरी के अंतिम सप्ताह और फरवरी की शुरुआती दिनों में जब तापमान में बढ़ोतरी होती है तो मिली बग कीट का प्रकोप तेजी के साथ बढ़ता है. मिली बग कीट मिट्टी की दरारों और आम के पेड़ों की छाल में अंडे देता है. इस कीट के अंडे बढ़ते तापमान से लार्वा में तब्दील हो जाते हैं. उसके बाद यह कीट तेजी के साथ पेड़ों पर हमला कर देता है. जिनकी समय पर रोकथाम ना की जाए तो आम की फसल बर्बाद हो सकती है. मिलीबग की रोकथाम के लिए किसान किसी अच्छी कंपनी के सिस्टैमिक कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए किसान इमिडाक्लोप्रिड 18% SL (Imidacloprid 18% SL) का छिड़काव कर सकते हैं. इसके लिए 2 ml इमिडाक्लोप्रिड को प्रति लीटर से घोल बनाकर आम के पेड़ों पर छिड़काव कर दें. मिली बग कीट का नियंत्रण हो जाएगा.मिनी बग की रोकथाम के लिए और तरीके भी अपना सकते हैं. उसके लिए किसान बोर्डेक्स मिक्चर (Bordeaux mixture) लें. आम के पेड़ों के निचले तने पर इस मिक्चर का लेप लगा दें. इसका लेप लगाने से मिली बग कीट आम के पेड़ों पर हमला नहीं कर पाएगा. कीट का प्रकोप शुरुआती दौर में ही थम जाएगा. किसान आम के पेड़ों से अच्छी फसल ले पाएंगे.
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