जायद में मूंगफली की खेती: उकठा रोग से बचाव के उपाय

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जायद में मूंगफली की खेती: उकठा रोग से बचाव के उपाय
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कन्नौज कृषि केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार ने जायद में मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को उकठा रोग से सावधान रहने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि इस रोग को रोकने के लिए मूंगफली के बीज का ट्राइकोडर्मा से उपचार करना जरूरी है.

जायद के मौसम में मूंगफली की खेती करने वाले किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह है. कन्नौज कृषि केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार इस बारे में बताते हैं कि किसानों को उकठा नामक रोग से सावधान रहना चाहिए. यह रोग मूंगफली की फसल की शुरुआती अवस्था में लगता है और फसल को पनपने से रोकता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है. मूंगफली में उकठा रोग फफूंद से होता है और पौधे उगने के 3-6 हफ्ते बाद पत्तियों पर दिखाई देने लगता है. इस रोग से मूंगफली का उत्पादन 10-50 प्रतिशत तक कम हो सकता है.

पत्तियों पर छोटे-छोटे गहरे कत्थई रंग के गोल-गोल धब्बे बनते हैं और कुछ पत्तियां पीली पड़ जाती हैं. रोग बढ़ने पर पत्तियां धीरे-धीरे गिरने लगती हैं. डॉ. सुशील कुमार के अनुसार, इस रोग को रोकने के लिए मूंगफली के बीज का उपचार ट्राइकोडर्मा से करना बहुत जरूरी है. बीज का उपचार करके ही उसे बोना चाहिए. इससे इस रोग से फसल को बचाने में मदद मिलती है.

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