जज की भूमिका तलवार की धार पर चलने जैसी : CJI संजीव खन्ना

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जज की भूमिका तलवार की धार पर चलने जैसी : CJI संजीव खन्ना
Constitution Of IndiaChief Justice Sanjeev Khanna
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सीजेआई ने कहा कि इस साल जिला अदालतों में 2.8 करोड़ से ज़्यादा मामले आए, जबकि हाईकोर्ट में करीब 16.6 लाख मामले और सुप्रीम कोर्ट में 54,000 मामले आए.

भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और भू-राजनीतिक नेता के रूप में उभरा है, तथा इस बदलाव में देश के संविधान ने उल्लेखनीय योगदान दिया है. न्यायमूर्ति खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह में कहा कि संविधान न्यायालयों को न्यायिक समीक्षा का अधिकार देता है.सीजेआई ने कहा कि हम जनहित याचिकाओं पर विचार करते हैं, स्वत: संज्ञान मामलों की शुरुआत करते हैं, मामलों का फैसला करने में मदद के लिए एमिकस नियुक्त करते हैं.

appendChild;});हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं- चीफ जस्टिसचीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि 75 साल पहले इस पवित्र जीते जागते ग्रन्थ भारत के संविधान के रूप में भारत के इतिहास का एक पन्ना खुला. बुनियादी अधिकारों के कस्टोडियन यानी संरक्षक के रूप में न्यायपालिका निचले स्तर से सर्वोच्च स्तर तक कार्यरत है. हम अपने संवैधानिक कर्तव्य से बंधे हैं. साथ ही हम खुले यानी ओपन और पारदर्शी भी हैं. इसके साथ हमारा फोकस जनहित यानी उनके अधिकारों की सुरक्षा है. हम जनता के प्रति जवाबदेह भी हैं.

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