अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता पर आने वाले प्रतिबंध के कारण, कई भारतीय गर्भवती महिलाएं अपने बच्चों को जन्म देने के लिए सी-सेक्शन का विकल्प चुन रही हैं। 20 फरवरी से लागू होने वाले इस प्रतिबंध के कारण, कई परिवारों को अपने बच्चों के भविष्य के बारे में चिंता हो रही है।
Washington: अमेरिका में कई भारतीय गर्भवती महिलाएं जन्मसिद्ध नागरिकता पर प्रतिबंध लागू होने की समय-सीमा से पहले ही अपने बच्चों को जन्म देना चाहती हैं। टीओआई की अमीषा रजनी ने बताया है कि अमेरिका में कई भारतीय माता-पिता 20 फरवरी से पहले ही ' सी-सेक्शन ' का विकल्प चुन रहे हैं। ये लोग समय से पहले बच्चों को जन्म देना चाहते हैं। सी-सेक्शन का मतलब ऑपरेशन के जरिए बच्चे की डिलीवरी से है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप के कार्यकारी आदेश के तहत जन्मसिद्ध नागरिकता पर प्रतिबंध 20 फरवरी से लागू किए जाने हैं। ट्रंप
के कार्यकारी आदेश के अनुसार, अमेरिका में रह रहे बिना कानूनी दस्तावेज वाले लोगों या अस्थायी प्रवासियों से जन्म लेने वाले बच्चों को स्वाचालित रूप से अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी। हालांकि, ट्रंप के आदेश को अदालत में चुनौती दी गई है लेकिन इस बीच इसने परिवारों को अपने बच्चों का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया है।सात महीने की गर्भवती महिला ने भी की प्री-टर्म डिलीवरी की कोशिश!रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसूति क्लिनिक चलाने वाले डॉ. एसडी रामा ने बताया है कि ट्रंप की घोषणा के बाद समय से पूर्व प्रसव के अनुरोधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कई भारतीय महिलाएं, विशेषकर गर्भावस्था के आठवें या नौवें महीने में 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन प्रसव कराने की योजना बना रही हैं। डॉ. रामा ने टीओआई से बातचीत में बताया, ''एक सात महीने की गर्भवती महिला अपने पति के साथ समय से पहले प्रसव के लिए नामांकन कराने आई थी। मार्च से पहले उसका प्रसव नहीं होने वाला है।'' क्या ट्रंप की रैली में अरबपति एलन मस्क ने नाजी सैल्यूट या रोमन शक्ति का संकेत दिखाया? जानेंइस तरह मां और बच्चे को हो सकता है बड़ा जोखिम- प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञटेक्सास स्थित प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. एस जी मुक्काला ने समय से पूर्व जन्म से जुड़े खतरों के बारे में अपनी आशंका व्यक्त की। उन्होंने कहा, ''मैं दंपतियों को यह बताने की कोशिश कर रहा हूं कि भले ही यह संभव हो लेकिन समय से पहले जन्म मां और बच्चे के लिए बहुत बड़ा जोखिम पैदा करता है। जटिलताओं में अविकसित फेफड़े, भोजन संबंधी समस्याएं, जन्म के समय कम वजन, न्यूरोलॉजिकल जटिलताए और बहुत कुछ शामिल है।'' उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में उन्होंने 15 से 20 दंपतियों के साथ इन चिंताओं पर चर्चा की है
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