कांग्रेस के दो नेता सज्जन सिंह वर्मा और सलमान खुर्शीद बांग्लादेश की पुनरावृत्ति भारत में करने की धमकी दे चुके हैं। यद्यपि भारत में तख्तापलट की आशा दुस्साहस से अधिक कुछ नहीं तब भी अमेरिकी उपनिवेशवाद का दुमछल्ला बनने की ललक या तख्तापलट के सपने देखना कांग्रेस के माथे पर कलंक है। कांग्रेस नेतृत्व की सोच यह भी बताती है कि उसके लिए भारत भी एक बनाना...
विकास सारस्वत। बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट में अमेरिकी हाथ होने की आशंका तब और गहरा गई, जब हिलेरी क्लिंटन के करीबी मोहम्म्द यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख चुना गया। शेख हसीना के अनुसार उन्हें सेंट मार्टिन द्वीप पर अमेरिकी सैन्य अड्डे को मंजूरी न देने की कीमत चुकानी पड़ी। सच जो भी हो, अमेरिका द्वारा दूसरे देशों में सत्ता बदलने के प्रयास नई बात नहीं हैं। राबर्ट जर्विस के शब्दों में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप उतना ही अमेरिकी है, जितना एप्पल पाई। अपनी पुस्तक ओवरथ्रो में अमेरिकी लेखक स्टीफन...
राजनयिकों से संपर्क कर लेते हैं। 1951 में ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति कर्नल अर्बेंज़ द्वारा भूमि पुनर्वितरण लागू करने से केला व्यापार में लिप्त अमेरिकी कोर्पोरेशन यूनाइटेड फ्रूट कंपनी पर गहरा प्रभाव पड़ा और कंपनी तख्ता पलटने के लिए सीधे ग्वाटेमाला स्थित अमेरिकी दूतावास पहुंच गई। बनाना रिपब्लिक के रूप में लैटिन अमेरिकी देशों की कुख्याति ऐसी कार्रवाईयों से ही हुई। बांग्लादेश का छात्र आंदोलन हो या यूक्रेन की मैदान क्रांति, सत्ता परिवर्तन का अमेरिकी प्रारूप एक समान है। इन प्रयासों में अमेरिका पोषित...
Bangladesh Crisis Democracy Human Rights Minority Interests India News
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
जागरण संपादकीय: अनिश्चितता से घिरा बांग्लादेश, मुहम्मद यूनुस की बात का कितना होगा असरबांग्लादेश की आजादी में भारत की एक बड़ी भूमिका थी। 1971 में भारत के दखल के चलते ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ। निर्माण के बाद भी वहां ऐसे लोग सक्रिय बने रहे जो पाकिस्तानपरस्त थे। शेख हसीना से न केवल अमेरिका और यूरोपीय देश खफा थे बल्कि चीन भी उन्हें पसंद नहीं कर रहा था। भारत को महत्व देने की उनकी नीति चीन को रास नहीं आ रही...
और पढो »
जागरण संपादकीय: एससी-एसटी आरक्षण पर उचित फैसला, गरीबों-वंचितों का आसानी से सामाजिक उत्थान संभवयह सही समय है कि केंद्र सरकार ओबीसी आरक्षण में उपवर्गीकरण के लिए गठित रोहिणी आयोग की रिपोर्ट का अध्ययन कर उसके सुझावों पर अमल करने की दिशा में आगे बढ़े। राजनीतिक दलों को यह समझना होगा कि आरक्षित वर्गों में जिन्हें भी आरक्षण का लाभ मिल चुका हैउन्हें उसके दायरे से बाहर करने की व्यवस्था से पात्र लोगों यानी वास्तविक गरीबों-वंचितों को आरक्षण देकर उनका...
और पढो »
जागरण संपादकीय: चिंताजनक है घरेलू बचत में कमी आना, रणनीतिक प्रयासों से ही बनेगी बातभारतीय परिवारों का आय के प्रतिशत के रूप में ब्याज का भुगतान मार्च 2021 में 6.9 से घटकर मार्च 2023 में 6.
और पढो »
Google: गूगल पर अमेरिकी अदालत के फैसले से और कसेगा प्रतिस्पर्धा आयोग का शिकंजा, सख्त नियम बनाने का मिलेगा आधारGoogle: गूगल पर अमेरिकी अदालत के फैसले से और कसेगा प्रतिस्पर्धा आयोग का शिकंजा, सख्त नियम बनाने का मिलेगा आधार US court decision on Google to further tighten grip of Competition Commission
और पढो »
जागरण संपादकीय: पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने का समय, आतंकवाद पर कसनी होगी नकेलTerrorism In India पाकिस्तानी सेना को अब स्थानीय स्तर चुनौतियां मिलने लगी हैं। उसका फरेब खत्म हो जाने के बाद वह पाकिस्तान के लोकतांत्रिक दलों को भला कैसे नियंत्रित कर पाएगी? कश्मीर मुद्दे के विवादित न रहने से पाकिस्तान को गृहयुद्ध के उस आशंकित परिदृश्य से कौन रोक पाएगा जिसकी पठान एवं बलूच क्षेत्रों में अभी से झलकियां दिखने लगी...
और पढो »
डोनाल्ड ट्रंप को मारना चाहते हैं पाक-ईरान? US में आसिफ रजा ने उगले राज, कहा- ये मुस्लिमों को हर्ट कर रहेUS News: पाकिस्तानी नागरिक पर मंगलवार को अमेरिकी धरती पर एक राजनेता (डोनाल्ड ट्रंप) और अमेरिकी सरकारी अधिकारियों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया.
और पढो »