जागरण संपादकीय: विकसित भारत में दिखे स्वर्णिम अतीत, लेकिन विभाजन की छाया से मुक्त होना जरूरी

Indian Economy समाचार

जागरण संपादकीय: विकसित भारत में दिखे स्वर्णिम अतीत, लेकिन विभाजन की छाया से मुक्त होना जरूरी
Indian Economy GrowthEmployment OpportunitiesEmployment Opportunities In India
  • 📰 Dainik Jagran
  • ⏱ Reading Time:
  • 26 sec. here
  • 10 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 42%
  • Publisher: 53%

परिणामस्वरूप भारतीय गरीबी एवं बेरोजगारी के शिकार हुए। विदेशी शासकों ने जाति धर्म और क्षेत्रीय विभाजन को प्रोत्साहित किया। इस विभाजन की छाया से मुक्त होने के लिए हमें न केवल अपने इतिहास पर गर्व करना चाहिए बल्कि उसके पुनर्जीवन के प्रयास भी करने चाहिए। अपने अतीत की पहचान और गौरव को बनाए रखते हुए ही हम एक आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते...

राघवेंद्र पी. तिवारी। देश के सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए संस्कृति मंत्रालय के लिए इस साल बजटीय आवंटन में वृद्धि कर कुल आवंटन 3,360.

96 करोड़ रुपये किया जाना यही बताता है कि सरकार भारत के गौरवशाली अतीत को सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतभूमि का इतिहास समृद्ध संस्कृति का साक्षी रहा है। यह भूमि प्राचीन काल से ही ज्ञान, विज्ञान, धर्म, संस्कृति, कला एवं शौर्य का केंद्र रही है। जगत कल्याण की भावना भारतीय संस्कृति का वैशिष्ट्य रही है, परंतु कालचक्र कुछ ऐसा चला कि लगभग आठ सौ वर्षों तक इस भूमि पर विदेशी आततायी आते रहे। मुगल एवं अंग्रेज शासकों ने हमारी धन संपदा को लूटा एवं इस महान सभ्यता को उसके मूल स्वरूप से दूर करने का कुत्सित...

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

Dainik Jagran /  🏆 10. in İN

Indian Economy Growth Employment Opportunities Employment Opportunities In India India Future India News India GDP Indian Economic Future Developed India

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

मेरा नाता पीएम का नहीं, बल्कि परम मित्र का...; पीएम मोदी का युवाओं संग संवादमेरा नाता पीएम का नहीं, बल्कि परम मित्र का...; पीएम मोदी का युवाओं संग संवादपीएम मोदी विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग में कहा कि भारत की युवा शक्ति की ऊर्जा से आज ये भारत मंडपम भी ऊर्जा से भर गया है, ऊर्जावान हो गया है.
और पढो »

Budget 2025: बजट से पहले PM मोदी ने दे दिए संकेत, कल क्या-क्या होने वाला है...Budget 2025: बजट से पहले PM मोदी ने दे दिए संकेत, कल क्या-क्या होने वाला है...बजट सत्र की शुरुआत से पहले PM Narendra Modi ने अपने संबोधन में कहा कि जब भारत आजादी के 100 साल का जश्न मनाएगा, तो भारत विकसित होकर रहेगा.
और पढो »

जागरण संपादकीय: उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ रुके, विसंगतियों को दुरुस्त करने की जरूरतजागरण संपादकीय: उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ रुके, विसंगतियों को दुरुस्त करने की जरूरतअकादमिक दुनिया जातिवाद क्षेत्रवाद भाई-भतीजावाद और परिवारवाद से ग्रस्त है। संपर्कों-संबंधों और लेन-देन के अभाव में योग्यतम अभ्यर्थी अनदेखी के शिकार होते हैं। यह स्थिति बदलनी होगी। अगर उच्च शिक्षा को बचाना है तो संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर भारतीय उच्च शिक्षा सेवा शुरू की जानी चाहिए। केंद्रीय अनुदान प्राप्त सभी संस्थानों को इसके दायरे में लाया जाना...
और पढो »

Ind vs Eng 4th T20I: इस वजह से भी बौखलाए हुए हैं इंग्लैंड पूर्व क्रिकेटर, हर्षित राणा की स्पीड बनी चर्चा का विषयInd vs Eng 4th T20I: इस वजह से भी बौखलाए हुए हैं इंग्लैंड पूर्व क्रिकेटर, हर्षित राणा की स्पीड बनी चर्चा का विषयInd vs Eng 4th T20I: चौथे मैच में भारत की जीत की चर्चा को हर्षित राणा विवाद ने छिपा दिया, लेकिन राणा एक और बड़ी वजह से चर्चा में हैं
और पढो »

जागरण संपादकीय: भारत के भविष्य को आकार देने की पहल, खनिज मिशन एक दूरदर्शी कदमजागरण संपादकीय: भारत के भविष्य को आकार देने की पहल, खनिज मिशन एक दूरदर्शी कदममिशन इस अंतर को पाटने और यह सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है कि भारत वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व करे न कि उसका अनुसरण रहे। कुल मिलाकर भारत का यह राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन केवल आज की चुनौतियों का जवाब नहीं है बल्कि यह भारत के भविष्य को आकार देने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम...
और पढो »

जागरण संपादकीय: फर्जी खबरों से निपटने की कठिन चुनौती, हर मोर्चे पर रहना होगा अलर्टजागरण संपादकीय: फर्जी खबरों से निपटने की कठिन चुनौती, हर मोर्चे पर रहना होगा अलर्टइसमें कोई संदेह नहीं कि सूचनाओं के प्रसार और सामुदायिक संवाद को बढ़ावा देने में इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों ने अहम भूमिका निभाई है लेकिन उनमें फर्जी खबरों की बाढ़ के चलते वे कभी मुख्यधारा के मीडिया का स्थान नहीं ले सकते। परंपरागत मीडिया अपने समृद्ध इतिहास और पत्रकारीय नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ गलत सूचनाओं के ज्वार के विरुद्ध एक ढाल के...
और पढो »



Render Time: 2025-02-15 00:13:56