रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने के लिए महंगाई पर नियंत्रण भी बहुत जरूरी है। जब रुपये का मूल्य स्थिर रहेगा तभी दूसरे देश रुपये में व्यापार करेंगे। बांग्लादेश को श्रीलंका से व्यापार करना हो तो यह रुपये में तभी किया जाएगा जब भारत में महंगाई नियंत्रण में हो और रुपये का मूल्य स्थिर हो। महंगाई बढ़ने का मूल कारण सरकार की खपत...
डॉ.
1 डॉलर लिखा जाएगा। जर्मनी का क्रेता डॉलर खरीदेगा और उसे भारत को देगा। भारत का विक्रेता उस डॉलर को बेचकर रुपये प्राप्त करेगा। इस प्रक्रिया में भारत और जर्मनी दोनों को बड़ी मात्रा में डॉलर रखने पड़ते हैं। इस प्रक्रिया में डॉलर को अनायास ही बड़ा लाभ होता है। प्रश्न है कि डॉलर का वर्चस्व किस आधार पर टिका है और निर्यात रुपये में क्यों नहीं किया जाता? वास्तव में रुपये जैसी किसी भी मुद्रा को विश्व व्यापार का माध्यम बनाने के लिए तीन जरूरतें पूरी करनी होंगी। पहली यह कि वह मुद्रा विश्व के तमाम देशों में...
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