युवा पेशेवरों को बर्नआउट से बचने के लिए उन्हें स्वीकृति या मान्यता प्रदान करने की भी आवश्यकता है। मान्यता एक मुख्य मानवीय आवश्यकता है। इसका मौद्रिक होना जरूरी नहीं है। एक साधारण धन्यवाद नोट या सार्वजनिक स्वीकृति ही काफी हो सकती है। इसके साथ-साथ कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखना और कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता देने की आवश्यकता...
प्रो. गौरव वल्लभ। पिछले दिनों पुणे की एक युवा सीए का काम से संबंधित तनाव के कारण निधन हो जाना कार्यस्थल पर उस उच्च दबाव की याद दिलाता है, जिसका कई युवा पेशेवरों को प्रतिदिन सामना करना पड़ता है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में 9.
5 प्रतिशत से अधिक आत्महत्याएं वेतनभोगी पेशेवरों द्वारा की गईं। यह चिंताजनक है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। इस संकट के लिए किसी एक कारण को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि यह कार्यस्थल पर दबाव की संस्कृति से उत्पन्न हुआ है। यह सच है कि आज कारपोरेट जगत में प्रतिस्पर्धा पहले से कड़ी हो गई है। आज कंपनियां कम कार्यबल से जितना संभव हो, उतना उत्पादन करने की कोशिश कर रही हैं। इसने एक हानिकारक माहौल तैयार किया है, जो कार्यस्थल पर मानवता को लील रहा है। इसने कार्यस्थल को एक...
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