डीएपी खाद का मूल्य बढ़ने की तैयारी

कृषि समाचार

डीएपी खाद का मूल्य बढ़ने की तैयारी
डीएपी खादमूल्यवृद्धिखाद की कीमत
  • 📰 Dainik Jagran
  • ⏱ Reading Time:
  • 76 sec. here
  • 8 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 51%
  • Publisher: 53%

कृषि में सबसे अधिक उपयोग में लाये जाने वाले खाद डीएपी के मूल्य में वृद्धि की संभावना है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खेती में यूरिया के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले खाद डीएपी का मूल्य अगले महीने बढ़ सकता है। किसानों को अभी 50 किलोग्राम का एक बैग डीएपी 1350 रुपये में मिल रहा है। इसमें दो सौ रुपये तक की वृद्धि हो सकती है। केंद्र सरकार किसानों को सस्ते मूल्य पर डीएपी उपलब्ध कराने के लिए 35 सौ रुपये प्रति टन की दर से विशेष सब्सिडी देती है, जिसकी अवधि 31 दिसंबर को खत्म हो रही है। हाल के दिनों में डीएपी बनाने में इस्तेमाल होने वाले फास्फोरिक एसिड एवं अमोनिया के मूल्य में 70 प्रतिशत

तक की वृद्धि का असर खाद की कीमतों पर देखा जा रहा है। दिया जाता है विशेष अनुदान फॉस्फेट और पोटाश युक्त (पीएंडके) उर्वरकों के लिए केंद्र सरकार ने अप्रैल 2010 से पोषक-तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना चला रखी है। इसके तहत वार्षिक आधार पर निर्माता कंपनियों को सब्सिडी दी जाती है। पीएंडके क्षेत्र नियंत्रण मुक्त है और एनबीएस योजना के तहत कंपनियां बाजार के अनुसार उर्वरकों का उत्पादन और आयात कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त किसानों को सस्ते मूल्य पर निर्बाध डीएपी उपलब्ध कराने के लिए एनबीएस सब्सिडी के अलावा डीएपी पर विशेष अनुदान दिया जाता है, जिसकी अवधि का विस्तार अगर नहीं हुआ तो पहली जनवरी से डीएपी का महंगा होना तय है। इस वर्ष खरीफ मौसम के दौरान डीएपी पर प्रति टन सब्सिडी 21,676 रुपये थी, जिसे रबी (2024-25) मौसम के लिए बढ़ाकर 21,911 रुपये कर दिया गया। उद्योग जगत को उठाना होगा बोझ अगर विशेष सब्सिडी जारी रखने पर विचार नहीं किया गया तो इसका बोझ उद्योग जगत को उठाना पड़ेगा। पिछले कुछ समय से डॉलर की तुलना में रुपये का अवमूल्यन हो रहा है। वैश्विक बाजार में अभी डीएपी का मूल्य 630 डालर प्रति टन है। सिर्फ रुपये के कमजोर होने के चलते आयात लागत में लगभग 1200 रुपये प्रति टन की वृद्धि हो गई है। इसी दौरान अगर सब्सिडी भी बंद कर दी गई तो प्रति टन लगभग 4700 रुपये की लागत बढ़ जाएगी, जो प्रति बैग लगभग दो सौ रुपये महंगा हो सकता है। दो वर्ष पहले किसानों को डीएपी प्रति बैग 12 सौ रुपये में मिलता था, जिसमें 150 रुपये की वृद्धि से प्रति बैग 1350 रुपये मूल्य हो गया। देश में इस वर्ष 93 लाख टन डीएपी की जरूरत थी, जिसका 90 प्रतिशत आयात से पूरा किया जाना था। इसी दौरान वैश्विक बाजार में डीएपी के मूल्य में वृद्धि हो गई। उद्यो

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

Dainik Jagran /  🏆 10. in İN

डीएपी खाद मूल्यवृद्धि खाद की कीमत कृषि उर्वरक सब्सिडी

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

Video: अमेठी में किसानों की मुश्किलें बढ़ी, खाद के लिए दर-दर भटक रहे किसानVideo: अमेठी में किसानों की मुश्किलें बढ़ी, खाद के लिए दर-दर भटक रहे किसानAmethi Video: अमेठी में डीएपी खाद की भारी कमी के कारण किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ Watch video on ZeeNews Hindi
और पढो »

जालौन में नकली खाद फैक्ट्री का भंडाफोड़, 500 बोरी जिप्सम और 230 बोरी नकली डीएपी बरामदजालौन में नकली खाद फैक्ट्री का भंडाफोड़, 500 बोरी जिप्सम और 230 बोरी नकली डीएपी बरामदउत्तर प्रदेश के जालौन में नकली खाद बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। जिला प्रशासन को गोदाम से 500 बोरी जिप्सम और 230 बोरी डीएपी की बरामद हुई है। इन बोरी से मिलकर नकली खाद तैयार की जाती थी और जिले व अन्य इलाकों में इसकी सप्लाई होती थी।
और पढो »

नैनो डीएपी: एक पर्यावरण अनुकूल और आर्थिक रूप से फायदे का खादनैनो डीएपी: एक पर्यावरण अनुकूल और आर्थिक रूप से फायदे का खादनैनो डीएपी एक नैनो-स्तरीय तरल खाद है जो पौधों को बेहतर पोषण प्रदान करती है और फसल उत्पादन में वृद्धि करती है. यह पर्यावरण के अनुकूल है और पारंपरिक डीएपी की तुलना में अधिक किफायती है.
और पढो »

भारतीय एग्रोकेमिकल सेक्टर अगले वित्त वर्ष में 9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान: रिपोर्टभारतीय एग्रोकेमिकल सेक्टर अगले वित्त वर्ष में 9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान: रिपोर्टभारतीय एग्रोकेमिकल सेक्टर अगले वित्त वर्ष में 9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान: रिपोर्ट
और पढो »

Bihar: यूरिया खाद के लिए मारामारी जारी, किसानों की किस्मत में घंटों इंतजार और बिस्कोमान की लंबी लाइनBihar: यूरिया खाद के लिए मारामारी जारी, किसानों की किस्मत में घंटों इंतजार और बिस्कोमान की लंबी लाइनBihar Kisan News: बिहार के कई जिलों से खाद की किल्लत की खबर सामने आ रही है। गेहूं की बुआई के सीजन में खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। उधर, खाद लेने जाने पर पुलिस का पहरा सुनिश्चित किया गया है। बिस्कोमान में खाद की आपूर्ति काफी कम की जा रही है। किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। वहीं जहां खाद मिल रहा है, वहां लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पैदा हो जा...
और पढो »

ओबरा नगर पंचायत खाद से आय बढ़ाने की तैयारी मेंओबरा नगर पंचायत खाद से आय बढ़ाने की तैयारी मेंउपयोजित कूड़े से खाद बनाकर नगर पंचायत की आय बढ़ाने के उद्देश्य से ओबरा नगर पंचायत गीले कूड़े और गाय-भैंस के गोबर को खाद में बदलने की पहल कर रही है।
और पढो »



Render Time: 2025-02-15 01:05:02